मगौद गांव के लोग कभी नहीं गए थाना
सन्देश गुप्ता (विशेष संवाददाता )
धमतरी, आज
मामूली बात पर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी जाती है,जमीन विवाद में कई
पीढ़ियां कोर्ट-कचहरी में चक्कर काटती रह जाती हैऐसे में धमतरी के
मगरलोड क्षेत्र के मगौद गांव नजीर पेश कर रहा है.....आजादी से लेकर अब तक
इस गांव के किसी भी विवाद का थाने में एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है।गांव की
एकता की दाद देनी होगी कि वह आज भी अपने विवाद खुद सुलझा लेता है।धमतरी
जिले का कासरवाही ग्राम पंचायत के आश्रित गांव मगौद की दूरी जिला मुख्यालय
से 55 किलोमीटर है।इस गांव में 50 से ज्यादा घर और करीब दो सौ की आबादी
है,बाहर से देखने में यह गांव बिल्कुल सामान्य है,लेकिन आज भी यहां
ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के तरस रहे है,बदहाल स्कूल और गांव में जाने
के लिए कच्ची सड़क यही इस गांव की तस्वीर है।वक्त जरूर बदला लेकिन इस
गांव की रवायत नहीं बदली,गांव के लोग सदियों से आपसी भाईचारे और
सौहार्द का संदेष देते आ रहे है।यही वजह है कि इस गांव से आज तक कोई भी
मामला थाने तक नही पहुंचा है।अगर कोई विवाद होता भी है तो गांव के
पटेल,पंच-सरपंच और गांव के बड़े बुजुर्ग आपस मे ही सुलझा लेते है।
हालांकि
यहां लोग सामान्य लोगों की तरह जीवन यापन करते है लेकिन उनके विचार जानकर चौंक जायेंगे।चाहे वह युवा हो या फिर बुजुर्ग हो सबका आत्मविश्वास
प्रेरित करता है. गांव के लोग काफी सजग है कोई व्यक्ति यहां शराब पीकर
हंगामा करता नहीं दिखेगा.मारपीट हो या जमीन विवाद थाना या कोर्ट-कचहरी कोई
नहीं जाता.गांव की बात गांव में ही रहे इसके लिए गांववाले बैठते है और
मिलजुलकर उसे सुलझा लेते है।इस दौरान दोषी व्यक्ति से जो जुर्माना लिया
जाता है,उसे सार्वजनिक कार्यों या गरीब की मदद में खर्च किया जाता
है,बहरहाल इन्ही खासियतों के चलते गांव में भी काफी बदलाव हुआ है तो
आसपास इलाके के लिए यह गांव मिसाल बन गया है,जिसके बाद पुलिस विभाग भी
इस गांव पर गर्व महसूस कर रहे है।
एक टिप्पणी भेजें