सन्देश गुप्ता(विशेष संवाददाता )
धमतरी सरकार
बैटरी वाले आटो पर भारी सब्सीडी देती है.. ताकि प्रदूषण कम हो.. रोजगार
बढ़े,धमतरी में भी करीब 200 लोगो को इस योजना का लाभ दिया गया..लेकिन
सरकार बैटरी चार्जिंग प्वाईंट बनाना भूल गई.. जिसके कारण आटो चालक परेशान
हैं..अगर यही हाल रहा तो.. धीरे धीरे ये योजना फ्लाप भी हो सकती है धमतरी
की सड़को पर रफ्ता रफ्ता बैटरी वाले आटो की संख्या बढ़ती जा रही है... कारण
है कि इस आटो में सरकार भारी सब्सीडी देती है... सस्ता पड़ता है.. साथ ही
इसका मेंटेनेंस भी काफी कम है... लिहाजा कमाई ज्यादा है.. और् ये डीजल आटो
की तरह वायु और् ध्वनि प्रदूषण भी नहीं फैलाती... यही कारण भी ह कि सरकार
इसे प्रमोट कर रही है.. अपने खजाने का बड़ा हिस्सा.. अनुदान के लिये देती
है.. जिसमें रूर्बन मिशन के तहत.. महिलाओ को दिये गए रिक्शे में डेढ़ लाख का
अनुदान है तो.. सामान्य लोगो को 50 हजार रूपय का अनुदान.. आज धमतरी जिले
में 180 महिला और पुरूष.. इस योजना के तहत ई रिक्शा लेकर अपना रोजगार चला
रहे है... लेकिन ये सुखद दृष्य ज्यादा दिन तक शायद कायम न रहे क्योंकि..
सरकार ने ई रिक्शा तो दे दिया.. लेकिन एक भी चार्जिंग प्वाईंट नहीं
बनवाया... जिससे दिक्कत ये है कि.. बैटरी चार्ज कम होने पर.. कोई रास्ता
नहीं बचता सिवा इसके कि.. आटो चालको को.. स्थानीय दुकानदारो के सामने हाथ
फैलाना पड़ता है... जो महंगा भी होता है.. और नुकसान भी करवाता है. वैसे तो
आटो वितरण से पहले ही इसके चार्जिंग की व्यवस्था की जानी थी, आज जहा ई
रिक्शा की संख्या रोजोना बढ़ रही है,तब भी प्रशासन के पास सिर्फ.. चार्जिग
प्वाईंट बनाने के लिये.. विचार ही है...सरकार अगर
सच में डीजल आटो की जगह ई रिक्शा को स्थापित करना चाहती है.. तो उसे
चार्जिंग प्वाईंट बनवाने का काम प्राथमिकता से करना पड़ेगा.. वर्ना कोई शक नहीं कि..ये योजना आगे जाकर दम तोड़ देगी
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