ढाई साल की बछिया के पेट में 20 किलो पाॅलीथिन, हुई मौत


कलेक्टर ने नागरिकों से की प्रतिबंधित पाॅलीथिन का उपयोग नहीं करने की अपील



धमतरी,पाॅलीथिन का उपयोग न सिर्फ मानव जीवन और पर्यावरण के लिए घातक व जानलेवा साबित हो रहा है, बल्कि इसे जाने-अनजाने में खा लेने से मवेशियों की भी असामयिक मौत की खबरें मिल रही हैं। ऐसा ही एक वाकया धमतरी शहर से लगे ग्राम अर्जुनी कांजी हाउस में देखने को मिला। रविवार 15 सितम्बर को अर्जुनी के कांजी हाउस में ढाई साल की बछिया की मृत्यु हो गई। सहायक पशु शल्यज्ञ डाॅ. टी.आर. वर्मा एवं उनकी टीम के द्वारा शव परीक्षण के दौरान पाया गया कि बछिया के पेट के 80 प्रतिशत हिस्से में पाॅलीथिन साबुत स्थिति में पाई गई। साथ ही प्लास्टिक, रस्सी के गट्ठे के अलावा, तार, कील जैसी धारदार वस्तुएं भी पाई गईं। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डाॅ. एम.एस. बघेल ने बताया कि कई लोग अनुपयोगी अथवा सड़े-गले भोजन को पाॅलीथिन में रखकर सड़क किनारे फेंक देते हैं, जिसे अनजाने में भोजन के साथ-साथ पाॅलीथिन को भी घुमंतू किस्म के लावारिस गाय-बैल अपनी भूख मिटाने खा जाते हैं। प्लास्टिक से निर्मित पाॅलीथिन को मवेशी पचाने में असमर्थ होते हैं, जो आगे चलकर ठोस अपचनीय अपशिष्ट पदार्थ का रूप ले लेती है, जिसके चलते कुछ समय के बाद उनकी मौत हो जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि पेट की अधिकांश जगह में पाॅलीथिन स्थायी रूप से रह जाती है जिससे पशु चाहकर भी अन्य प्रकार के भोजन को ग्रहण करने में असमर्थ रहता है। ऐसे में वह कमजोर होकर अंततः मृत्यु को प्राप्त होती है। उप संचालक ने पशुधन को असामयिक मृत्यु से बचाने ढक्कन युक्त डस्ट बिन में पाॅलीथिन व सड़े-गले भोजन को समुचित ढंग निष्पादित करने की अपील जिलावासियों से की है।
कलेक्टर  रजत बंसल ने उक्त घटना पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि दैनिक जीवन में प्रतिबंधित प्लास्टिक थैलियों एवं कैरी बैग को पूर्णतः परित्याज्य करने आमजनता को प्रशासन के साथ आगे आना चाहिए। इससे न सिर्फ मानव जीवन, पर्यावरण को खतरा है, अपितु बेजुबान जानवरों की भी अकाल मृत्यु हो रही है। उन्होंने पाॅलीथिन के स्थान पर जूट के बैग तथा गैर प्लास्टिक से निर्मित कैरी बैग का उपयोग करने एवं पैकेटों को ढके हुए डस्ट बिन में ही डालने की अपील जिले के नागरिकों से की है, जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके अलावा पशु मालिकों से भी अपने मवेशियों को खुला नहीं छोड़ने का आव्हान किया है, जिससे पशुधन की हानि को रोका जा सके, साथ ही सड़क दुर्घटनाएं घटित होने न पाए।

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