गुणवत्ताहीन कार्य की बयां कर रही है कहानी उच्चस्तरीय पुल
उत्तम साहू
बालोद।जिला
मुख्यालय के तांदुला जलाशय बनाया गया उच्चस्तरीय पुल गुणवत्ताहीन निर्माण
के चलते कुछ ही माह में दम तोड़ रही है।निर्माणाधीन सड़क के किनारे के
बाइंडिंग उखड़ने लगी है और विभागीय अधिकारियों के अनदेखी के कारण अभी से
मरम्मत की नौबत आ गई हैं और सड़क व पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो
रहे हैं। बारिश के पहले सड़क पर दरार आ रही है और सड़क भी धंस रही है इस
प्रकार से ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण कार्य कर शासन को चुना लगाने का
काम किया गया हैं।
ये है मामला निर्माण
जिला
मुख्यालय के औराभाठा देवतराई मार्ग में तांदुला नदी पर उच्चस्तरीय पुलमय
पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य किया गया है।6करोड़ रुपए की लागत से बने पुल
की लंबाई 210 मीटर और चौड़ाई 8.40 मीटर है और सड़क मार्ग की कुल लम्बाई 613
मीटर हैं।देवतराई, औराभाठा के लोगों को बारिश में बाढ़ आने के कारण उनका
आवागमन बाधित होता था और बाढ़ आने पर उनका शहर से संपर्क टूट जाता था और
लोगों को भी आवागमन में दिक्कतें आती थी इसलिए लोगों की मांग पर भाजपा के
शासनकाल में नए पुल की स्वीकृति मिली थी लेकिन विभागीय अधिकारियों और
ठेकेदार के द्वारा पुल की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया और पुल और सड़क
खराब होने लगी है जबकि उस मार्ग में वाहनों की आवाजाही नहीं के बराबर है और
सड़क अभी से दम तोड़ रही है।एक ओर सरकार करोड़ो रुपए का निर्माण कार्य जनता
के सुविधा को देखते हुए करती है तो वहीं ठेकेदार गुणवत्ताहीन कार्य कर जनता
के पैसों का मिट्टीपलित करने में लगे हुए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार
पुल की लंबाई 210 मीटर है और चौड़ाई 8.40 मीटर है मार्ग की कुल लंबाई 613
मीटर है ।कार्य प्रारंभ तिथि का उल्लेख है ना ही लेकिन कार्यपूर्णता का
कहीं पर कोई उल्लेख है। निर्माण कार्य की स्थिति देख कर लग रहा है निर्माण
कार्य में बड़ी लापरवाही बरती गई है आम लोगों को सुविधा मिलेसरकार की सोच
रहती हैं लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते उक्त सड़क मार्ग भ्रष्टाचार
की भेंट चढ़ गया ।मौके पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार सेतु निर्माण विभाग
द्वारा ब्रिज का निर्माण किया। निर्माण एजेंसी अनुबंधन बालोद के राजेश
कुमार मंत्री का हैं जिनके द्वारा उक्त निर्माण कार्य किया गया है जो आज
भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है।निर्माण कार्य
9 तकनीकी अधिकारियों की निगरानी में हुआ है लेकिन कार्य की गुणवत्ता को
देख कर लगता है कि वे अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहे हैं।
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