लगातार बढ़ रहे डाॅग बाइट के प्रकरण चिंता का विषय

कोटपा एक्ट का पालन गम्भीरता से करने बैठक में दिया जोर




धमतरी,  जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न प्रयोजनों से गठित समितियों के प्रावधानों का पालन करने के निर्देश दिए गए। अपर कलेक्टर दिलीप अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. डी.के. तुर्रे ने मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के संबंध में शासन के निर्देशों का पालन करने की अपील इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों से की। मेडिकल वेस्ट के समुचित निबटान के लिए सभी निजी अस्पताल संचालकों को विभाग के साथ परस्पर समन्वय स्थापित करने के लिए कहा। इसी तरह प्रसव-पूर्व निदान तकनीक के तहत भू्रण अथवा लिंग परीक्षण के कड़े नियमों की जानकारी देते हुए कहा कि उक्त एक्ट का उल्लंघन करने वाले डायग्नोस्टिक सेंटर का न सिर्फ लायसेंस निरस्त किया जा सकता है, अपितु अर्थदण्ड के साथ-साथ कारावास की सजा का भी प्रावधान किया गया है। सी.एम.एच.ओ. ने बताया कि निजी अस्पताल संचालकों को आपातकालीन चिकित्सा के दौरान सोनोग्राफी के लिए स्पष्ट और उचित कारण का उल्लेख करना अनिवार्य है।
बैठक में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत कोटपा एक्ट की जानकारी नोडल अधिकारी के द्वारा दी गई। इस दौरान बताया गया कि यह एक्ट 2016 से क्रियाशील है और तम्बाकू/सिगरेट के उत्पाद किसी नाबालिग बच्चे को बेचने अथवा उसके द्वारा बेचा जाना पूर्ण प्रतिबंधित है। साथ ही स्कूल, काॅलेज एवं शासकीय कार्यालय परिसर में तम्बाकू के उत्पाद का प्रयोग करने वालों पर 200 रूपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार सिगरेट, तम्बाकू आदि का विज्ञापन के माध्यम से प्रचार-प्रसार नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा सार्वजनिक जगहों में स्मोकिंग जोन स्थापित किए जाने का भी नियम है। साथ ही टोबैको फ्री जोन के प्रावधानों की भी जानकारी बैठक में दी गई। इस दौरान डाॅ. तुर्रे ने बताया कि कोटपा एक्ट के क्रियान्वयन में धमतरी जिले को पुरस्कृत भी किया गया है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बैठक में बताया कि आज विश्व रैबीज नियंत्रण दिवस है। उन्होंने जिले में रैबीज के प्रकरणों की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2016 में रैबीज के 1493 प्रकरण आए, इसी तरह 2017 में 1891, 2018 में 2709 तथा 2019 में अब तक 2021 डाॅग बाइट के प्रकरण मिले हैं। उक्त आंकड़ों को चिंताजनक बताते हुए लावारिस कुत्तों के विरूद्ध मुहिम चलाने की बात नगर निगम के आयुक्त श्री आशीष टिकरिहा से कही। निगमायुक्त ने बताया कि पूर्व में कुत्तों की नसबंदी की जाती थी, वर्तमान में फंडिंग की कमी के चलते इस पर विराम लगा हुआ है। रैबीज के संबंध में अधिक जानकारी के लिए टोलफ्री नंबर 104 के माध्यम से भी जानकारी लेने की अपील स्वास्थ्य अधिकारी ने की। इसी प्रकार राष्ट्रीय गैर संचारी रोग कार्यक्रम के तहत विश्व वृद्धजन दिवस के अवसर पर स्थानीय विंध्यवासिनी वार्ड में आज आयोजित निःशुल्क जांच एवं उपचार शिविर की भी जानकारी बैठक में दी गई। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक डाॅ. ठाकुर, डाॅ. बी.के.साहू, डाॅ. नसीम अहमद, आईएमए अध्यक्ष डॉ आर एस ठाकुर सहित निजी अस्पताल संचालक एवं चिकित्सकगण उपस्थित थे।

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