अवैध रेत उत्खनन-परिवहन रोकने अब स्थानीय स्तर पर बनेगी टीम
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने यह स्पष्ट किया कि ग्रामों की रेत खदानों में सरपंच एवं सचिव की भी जवाबदेही तय की जाएगी। ऐसी कार्रवाइयों से न सिर्फ ग्राम पंचायतों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी पंचायतों की सहभागिता भी रहेगी। बैठक में अपर कलेक्टर दिलीप अग्रवाल ने बताया कि कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले के धमतरी, कुरूद, मगरलोड और नगरी विकासखण्ड में स्थित रेत खदानों के लिए कुल 25 टीमें गठित की गई हैं, जिसमें राजस्व निरीक्षक, पटवारी, सरपंच तथा संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव शामिल रहेंगे। उक्त दलों के द्वारा रेत खनन, निकासी एवं परिवहन करने वाले लोगों व वाहनों पर निगरानी रखी जाएगी। साथ ही व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर अवैध खनन करने वाले लोगों और वाहनों की फोटो लेकर तत्काल उसे ग्रुप में साझा किया जाएगा। ग्रुप में खनिज विभाग के अधिकारी तथा पुलिस निरीक्षकों को भी जोड़ा जाएगा जो कि मौके पर फौरी तौर पर दबिश देंगे। यह भी बताया गया कि अवैध रेत खनन-परिवहन की शिकायत दर्ज कराने पूर्व में टोल फ्री नंबर 07722-232249 भी जारी किया गया है, जिसका उपयोग ग्रामीण कर सकते हैं।
बैठक में बताया गया कि सितम्बर माह में अवैध रेत उत्खनन, परिवहन के कुल 72 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 67 वाहन मालिकों से 9 लाख 86 हजार 532 रूपए की वसूली की गई है। इसके अलावा एक लाख 88 हजार 500 रूपए की वसूली करके रेडक्राॅस सोसायटी के फण्ड में जमा किया गया है। इनमें से ज्यादातर प्रकरण ग्राम कोलियारी, अछोटा, दोनर, राजपुर, मुड़पार, कलारतराई, परसुली की खदानों में रेत खनन, परिवहन के हैं। अपर कलेक्टर ने बताया कि खदानों के नजदीक खनिज जांच के नाके लगाया जाना भी प्रस्तावित है। शासन से अनुमति के उपरांत पांच से अधिक जगहों पर चेक पोस्ट स्थापित की जाएगी। इस दौरान रेत खदान वाली ग्राम पंचायतों के सरपंच तथा सचिवों से क्रमशः वस्तुस्थिति की जानकारी ली गई, साथ ही उनसे सुझाव भी आमंत्रित किए गए। बैठक में उपस्थित सभी पंचायत प्रतिनिधियों ने रेत खनन-परिवहन को रोकने जिला प्रशासन के साथ हरसंभव सहयोग करने की बात कही। इस अवसर पर प्रभारी खनिज अधिकारी डी.एस. ध्रुव, एसडीएम नगरी सुनील शर्मा, खनिज निरीक्षक खिलावन कुलार्य भी उपस्थित थे।
faltu bat ho rahi hai karwahi karna hai to khadan par kare gadio par nahi kiyo ki khadan nahi ho ga to chori nahi hogi...
जवाब देंहटाएंकारवाही खदान चलाने वाले के ऊपर में होनी चाहिए चाहे वह सरपंच हो या पंचो
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