फ्लोरिंग का निरीक्षण कर अधीक्षण अभियंता टीक वुड का निरीक्षण कर सेपल भी साथ ले गए
बालोद। इंडोर स्टेडियम के वुडन फ्लोरिंग में भर्राशाही और भ्रष्टाचार की जांच करने क्षेत्रीय कार्यालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास रायपुर के संयुक्त संचालक, अधीक्षण अभियंता पी.एन.साहू बालोद पहुंचे। इंडोर स्टेडियम के फ्लोरिंग का निरीक्षण कर अधीक्षण अभियंता ने टीक वुड की मोटाई नापी और चार अलग अलग फ्लोरिंग में लगाए गए टीक वुड का सेपल भी अपने साथ ले गए। इसे भ्रष्टाचार का स्टेडियम तो कहेंगे 6 साल में 4 करोड़ 23 लाख रुपए खर्च तो हुए, फिर भी स्टेडियम अंचल के खेल प्रतिभाओं के किसी काम का नही। भ्र्ष्टाचार की पराकाष्ठा ऐसी की एक नही दो बार ऐसी लूट मची की भ्र्ष्टाचार भी तारतार हो जाए। दरअसल, नगरपालिका परिषद बालोद के जवाहर वार्ड क्रमांक 11 में 6 साल पहले 2013 में इंडोर स्टेडियम का निर्माण शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य था कि बालोद अंचल की युवा खेल प्रतिभायें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करे। कबड्डी, खो-खो, फुटबाल, बैडमिंटन, टेनिस, वालीबाल जैसे खेलो के लिए एक ही स्थान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधायें देने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के द्वारा वर्ष 2012 में 423.37 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे। लेकिन निर्माण के साथ ही भ्रष्टाचार का खेल शुरू हो गया। बालोद का इंडोर स्टेडियम अधिकारियों और ठेकेदार के लिए लूट का मुफीद अड्डा बन गया। जिलें की युवा खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा के मापदंड को देखते हुवे 38 मिमी सागौन लकड़ी की फ्लोरिंग की जानी थी। लेकिन निर्धारित मापदंड को ठेंगा दिखाते हुवे 38 मिमी सागौन लकड़ी के बजाए 08 मिमी लकड़ी के बुरादे से बनी प्लाई लगाई गई। डामर की जगह थर्माकोल की परत पर 38 मिमी सागौन लकड़ी के बजाय 08 मिमी मेम्रेन प्लाई की फ्लोरिंग कर समस्त नियमो को दरकिनार कर करते हुवे किए गए इस कार्य का नगरपालिका द्वारा कार्य को गुणवत्ता पूर्ण मानकर माप पुस्तिका में कार्य को 56 लाख 23 हजार का दर्ज करते हुवे नवंबर 2015 में प्रथम क़िस्त के रूप में 27 लाख 58 हजार का भुगतान कर दिया गया। साल 2016 में मामले के खुलासे के बाद तात्कालीन कलेक्टर ने एक जांच समिति गठित की। जांच समिति में शामिल वनमण्डलाधिकारी वन मंडल बालोद, कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग ने शिकायतों को सही पाया और जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा था। इंडोर स्टेडियम में लगी लकड़ी सागौन की नही बल्कि एमडीएफ लेमिनेटेड बोर्ड का है का प्रतिवेदन वनमण्डलाधिकारी के प्राप्त होते ही गंभीर त्रुटि मानते हुवे मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने ठेकेदार मे.नाकोड़ा कंस्ट्रक्शन कंपनी को पत्र लिखकर उच्चाधिकारी और तकनीकी अधिकारी की मौजूदगी में स्टीमेट के आधार पर टीक वुड लगाने कहा था। तत्कालीन सरकार द्वारा खेल प्रतिभाओं को आगे लाने भविष्य में राष्ट्रीय स्तर के खेल स्पर्धा के लिए जिला मुख्यालय में नगरपालिका के माध्यम से इंडोर स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा था। किंतु नगरपालिका के अधिकारी और ठेकेदार के द्वारा सांठगांठ कर गुणवत्ताहीन कार्य कर लाखो रुपए का व्यारा न्यारा किया गया है।
【नितेश वर्मा, पार्षद नगरपालिका परिषद बालोद】
भ्रष्टाचार के मेम्रेंन को उखाड़कर निर्धारित मापदंड के अनुरूप लगाए गए टीक वुड में एक बार फिर बड़े भ्र्ष्टाचार को अंजाम दिया गया है। मापदंड के अनुरूप डामर की परत के ऊपर टीक वुड लगाया जाना था लेकिन ऐसा नही किया गया। कांक्रीट के ऊपर ही टीक वुड लगाया गया है। टीक वुड की मोटाई स्टीमेट के हिसाब से 38 मिमी की होनी चाहिए थी लेकिन 35 मिमी की लगाई गई है। इंडोर स्टेडियम के निर्माण में अब तक 4 करोड़ 16 लाख रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है।
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