सेमरा में 22 को लक्ष्मी पूजन 23 को गोवर्धन पूजा
भुपेंद्रसाहू
धमतरी।
पूरा देश जहां रविवार को दीपावली का पर्व मनाने की तैयारी में जुटा हुआ है
वही धमतरी जिले का एक ऐसा भी गांव है जहां 1 सप्ताह पहले मंगलवार को
लक्ष्मी पूजन मुख्य दीपोत्सव मना लिया गया बुधवार को धूमधाम से गोवर्धन
पूजा की रस्म अदा की जाएगी यह परंपरा आज की नहीं बरसों बरस की है जो लगातार
जारी है
मौजूदा दौर में ये बात बेइमानी जरूर लगती है
कि किसी अनहोनी घटना की पूर्वाभास वास्तविकता से किया जा सके।पर इसी
अनहोनी कि डर ने गांव की हर हर्षोल्लास तीज त्यौहार को मौजूदा पटल से पलट
कर रख दिया है।जहां पूरा भारत वर्ष में दिपों का पर्व दिपावली की स्वागत
तैयारी में जुटा रहता है वहीं एक ऐसा गांव है करबीन सेमरा में पूरा गांव इस
पर्व को बड़े ही धूमधाम से मना रहा होता है और यही पूरा भारत वर्ष दिपावली
की रोशनी से जगमगाता है वही ये गांव रोशनी की एक छटा को तरस रहा होता
है,कारण अनिष्ट होने का खौफ......जानकार लोगों को इसी अनिष्ठ की भनक ने
अपनी परिवार की सुरक्षा को लेकर दिल और दिमाग चैकस कर लेते है।सतयुग से चली
आ रही ये परंपरा की कई किवंदितियां है। गांव के कोमल ध्रुव और सुखराम
सिन्हा बताते हैं कि गांव में दो भिन्न जाति के दोस्त रहते थे साथ में ही
सारी जुगलबंदी होती थी एक दिन दोनों दोस्त बिहड जंगल में शेर के शिकार हो
गये दोनों का शव गांव में ही दो अलग-अलग सरहदों में दफनाया गया कुछ ही
दिनों बाद गांव के मालगुजार को स्वपन आया की आप मुझे देवता के रूप में
मानों मेरी शर्तों पर कार्य करो मेरा शर्त ये है कि दिपावली का त्यौहार
अष्टमी या फिर नवमी को पूरा गांव मेरे नाम से मनाया जाये अगर इस शर्त की
सीमा को कोई लांघने का प्रयास करेगा उसे अनिष्ट का शिकार होना पड़ेगा तब से
गांव में दिपावली को सिरदार देव का पूजा कर दिपावली को अष्टमी और नवमी को
पूरा गांव एक साथ मनाते है।
गजेंद्र सिन्हा और राम
साहू ने बताया कि मौजूदा युग के नौजवान इसे आस्था के रूप में पूजता है और
भविष्य में भी इस प्रथा को निरंतर निर्वहन करने की बात तो कहता है लेकिन
एक साथ मनाने की सोचने में नौजवानोें को कांपने में मजबूरी से दो चार होना
पड़ता है और उनका मानना है कि ये आस्था है अंधविश्वास कतई नहीं है,सरपंच सुधीर बलराम ने बताया कि पूरा गांव एक साथ दिपावली की रात सिरदार
देवता का पूजा अर्चना कर त्यौहार की शुरूआत करते है । मंगलवार को लक्ष्मी
पूजन के बाद बुधवार को गोवर्धन पूजा धूमधाम से मनाया जाएगा। उन्होंने यह भी
बताया कि न सिर्फ दीपावली बल्कि होली व अन्य त्यौहार भी 1 सप्ताह पहले
मनाया जाता है
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