गंगरेल मड़ई से क्षेत्र में मडई मेले की हुई शुरुवात



अंगारमोती माता के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़


भुपेंद्रसाहू
धमतरी।दीपावली के बाद वाले प्रथम शुक्रवार को गंगरेल मड़ई मनाया जाता है ।इसके साथ ही क्षेत्र में मड़ई का आयोजन शुरू हो गया है ।शुक्रवार को अंगारमोती गंगरेल में श्रद्धालुओं की जमकर भीड़ दिखाई दी ।आस्था और विश्वास के साथ महिलाएं भी यहां पहुंचती है कहा जाता है कि निसंतान महिलाओं के लिए यह क्षेत्र वरदान साबित होता है ।

उल्लेखनीय है कि दंडकारण्य का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले धमतरी में हमेशा से ही दैवीय शक्तियों का वास रहा है ।देवी के विभिन्न रूपों के साथ अंगार मोती माता के प्रति यहां के लोगों में अगाध श्रद्धा है ।मां अंगारमोती यथारूप तथा गुणों वाली है ।मान्यता है कि मां सदियों से इस शहर की रक्षा करती आ रही है। कहा जाता है कि मां के दरबार में आने वाले हर भक्त की मनोकामना जरूर पूरी होती है,और यहां से कोई भी निराशा खाली हाथ नहीं लौटता है ।गंगरेल बांध के पास मां अंगारमोती का मंदिर है ।

बताया जाता है कि चंवरगांव में मां अंगारमोती का 600 साल पुराना मंदिर था ।लेकिन गंगरेल बांध के बनने के बाद गांव में स्थित मंदिर डूब गया ।लोग कहते हैं कि इसके बाद डूब क्षेत्र गांव के बीहड़ में माता स्वयं प्रकट हुई और अपने तेज से इलाके को अलौकिक कर दिया ।चमत्कारों वाली माता के नाम से प्रसिद्ध मां के भक्त भोपाल राव पवार ने बांध के पास मां अंगारमोती स्थापित कराया।

अंगारमोती मंदिर जाकर कलेक्टर-एसपी ने जिलावासियों की खुशहाली के लिए मांगा आशीर्वाद
 
 
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस तथा अंचल में मड़ई-मेलों की शुरूआत के अवसर पर कलेक्टर  रजत बंसल और एस.पी. बालाजी राव ने आज दोपहर गंगरेल जलाशय स्थित क्षेत्र की आराध्य देवी मां अंगारमोती के मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की। अधिकारीद्वय ने अंगारमोती मंदिर परिसर में मड़ई के आयोजन के अवसर पर माता के दर्शन किए तथा मत्था टेककर जिले में सुख-शांति और जिलावासियों की खुशहाली व तरक्की के लिए आशीर्वाद मांगा, साथ ही माता को श्रृंगार दान भी किया।

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