द्वापर युग का गोवर्धन पर्वत उतर आया गौशाला मैदान में



बुधवार  से शुरू होगा भव्य श्रीमद् भागवत कथा यज्ञ

 


धमतरी। ऐसा पहली बार हो रहा है कि साक्षात गोवर्धन पर्वत के समक्ष श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ की अविरल धारा सुश्री जया किशोरी के मुखारविंद से बहेगी। कल 4 दिसंबर से शुरू होने वाले यज्ञ की तमाम तैयारियां हो चुकी हैं तभी तो धमतरी के आसपास के क्षेत्र के भक्तगण आतुर है इस कार्यक्रम की विशेषता का हिस्सा बनने के लिए।


श्रीरामलीला मैदान में अचानक लोगों को जब पर्वत की प्रतिकृति देखने को मिली तो उनके आश्चर्य की सीमा नहीं रही। यही वजह है कि इस बार के भव्य श्रीमद्भागवत कथा की विशेषता से पहले ही लोग जुड़ जाना चाहते हैं। 4 दिसंबर को दोपहर 12:00 बजे से विशाल शोभायात्रा के साथ यह कार्यक्रम पुरानी कृषि उपज मंडी से शुरू होगा, जो लगातार सात दिनों तक चलेगा। 10 दिसंबर को विशाल भंडारे और हवन-पूजन के साथ संपन्न होगा। इस यज्ञ की विशेषता यह भी है कि इसमें गोवर्धन पर्वत, कामधेनु और भगवान श्रीकृष्ण के वांग्मय स्वरूप भागवत पुराण की परिक्रमा का पुण्य अवसर लोगों को मिलेगा। करीब आठ हजार भक्तजनों की बैठने की व्यवस्था की गई है। जिसमें मातृशक्तियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथा वक्ता सुश्री जया किशोरी के वचनों और सुमधुर संगीत को सुनने क्षेत्रवासी काफी लालायित नजर आ रहे हैं। कार्यक्रम के मुख्य जजमानों में धमतरी की अधिष्ठात्री देवी मां विंध्यवासिनी, राष्ट्रीय गौशाला की गौमाताएं, गोपाल प्रसाद शर्मा, लीलाधर गांधी, ओम प्रकाश शर्मा, बजरंग अग्रवाल, केतन दोशी, भूषण शार्दुल और महेश शर्मा हैं। जैसा कि धमतरी जिले के लोग वाकिफ हैं कि विगत कई वर्षों से लगातार श्रीमद् भागवत कथा और श्री राम कथा का आयोजन पंडित राजेश शर्मा के प्रमुख प्रतिनिधित्व में संपन्न होता है और इन कार्यक्रमों में शामिल होने लोग साल भर से इंतजार करते हैं
 
 तो इस बार आयोजन कर्ताओं ने लोगों से अपील की है कि अपने जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों में से 4 दिसंबर से 10 दिसंबर तक का समय कृष्णमय होने के लिए लगा देवें। ताकि भागवत का पुण्य लाभ उनके और उनके परिवारजनों को प्राप्त सके। कार्यक्रम प्रभारी दिलीपराज सोनी, योगेश गांधी, विकास शर्मा, सन्नी मिश्रा, हेमंत इंदौरिया, राहुल बजरंग अग्रवाल, श्रीराम शर्मा के साथ करीब दो दर्जन कार्यकर्ता लगातार जुटे हुए हैं ताकि इस अलौकिक संगीतमय कथाधारा से पूरा धमतरी और भक्तगण सराबोर हो सकें।

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