जो मृत्यु को याद रखते हैं उनकी एकाग्रता ईश्वर में बनी रहती है- जया किशोरी



 कलयुग में श्री कृष्ण की सच्ची अनुरागी हैं सुश्री जया किशोरी- राजेश शर्मा


श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन निकली ऐतिहासिक कलश यात्रा

धमतरी। जब लोगों को पता ही नहीं है कि उनके साथ कब क्या हो जाएगा जब लोग इस बात पर संदेह नहीं रखते हैं कि मृत्यु निश्चित है। तो फिर जो वक्त मिला है, उसमें प्रभु का सुमिरन कर लेने में क्या नुकसान है। जिस काम के लिए हमें मनुष्य जन्म मिला है, हम वही नहीं करके जाएंगे, तो हमसे ऊपरवाला पूछेगा जरूर कि तुमने दिए हुए समय में क्या कुछ किया। भव्य श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा के पहले दिन श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए सुश्री जया किशोरी ने कहा कि भागवत का पहला दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए इस दिन की कथा अवश्य सुनना चाहिए।

द्वापर युग के नजारों के साथ शुरू भागवत कथा का श्रवण करने आए भक्तगणों को सुश्री जया किशोरी ने बताया कि जिनका ध्यान 7 दिनों की कथा में होगा, उन पर ईश्वर का ध्यान अवश्य रहेगा। जैसे नोट गिनते समय आपका ध्यान नहीं भटकता उसी तरह कथा श्रवण के समय भी एकाग्रता बनाए रखने का विशेष फल अवश्य मिलता है। एकाग्रता को लेकर एक प्रसंग को छेड़ते हुए सुश्री जया किशोरी ने बताया कि अपने मन के विचलन से व्यथित एक सेठ, एक संत के पास जाते हैं और उनसे पूछते हैं कि मेरे पास सब कुछ होने के बावजूद शांति और सुख क्यों नहीं है। उस सेठ की असली व्याधि जानते हुए संत कहते हैं कि तुम्हारे हाथों की रेखा के अनुसार तुम 10 दिनों के भीतर मृत्यु को प्राप्त हो जाओगे, जाओ पहले इस कालखंड के अपने बुरे कर्मों की क्षमा मांग कर लोगों से रिश्ता अच्छा कर लो। फिर क्या था, सेठ जी दिन गिनते रहे और खुद में आध्यात्मिक सुधार लाते रहे। 10 दिन बीत गए 15 वें दिन वह सेठ, संत के पास जाता है और पूछता है कि मृत्यु कैसे नहीं आई। तो संत कहते हैं कि मृत्यु को छोड़ो इस समय का तुमने क्या उपयोग किया। तो वह सेठ कहता है कि मैंने अपना सब कुछ सुधार लिया और अब मेरा मन विचलन से भी परे हो गया है। तब संत कहते हैं कि इसी तरह मृत्यु को याद रखते हुए तुम यदि ईश्वर को जपते रहोगे तो तुम्हारी एकाग्रता और शांति जीवन पर्यंत बनी रहेगी। सुश्री जया किशोरी ने कहा कि इस कथा का आशय है कि व्यक्ति को जो पता है वह यही कि मृत्यु अवश्य होगी और जो नहीं पता है उसके पीछे भागते हुए वह जीवन बर्बाद कर लेता है। हमें इससे बचना चाहिए। भागवत कथा के सभी जजमानों में गोपाल प्रसाद शर्मा, लीलाधर गांधी, ओम प्रकाश शर्मा, बजरंग अग्रवाल, केतन दोशी, भूषण शार्दुल और महेश शर्मा ने श्रद्धालुओं से निवेदन किया कि प्रतिदिन कथा शुरू होने से पहले करीब 2:30 बजे पहुंचकर व्यवस्थित रूप से अपना स्थान सुरक्षित कर लें, ताकि हमारे सौभाग्य में आया सुश्री जया किशोरी की कथा का फल हमें मिल सके। पंडित राजेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि जिस तरह से भगवान श्री कृष्ण की परम अनुरागी मीराबाई थी उसी तरह इस कलयुग में सुश्री जया किशोरी संगीतमय भागवत ज्ञान यज्ञ कर भगवान श्री कृष्ण की अनन्य अनुरागी साबित हो रही है उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि केवल भागवत कथा ही ना सुने बल्कि समझे कि सनातन धर्म को संवर्धित और संरक्षित करने के लिए हमें भी अपने योगदान तय करने होंगे।
 
      कथा से पहले दोपहर 1:00 बजे के करीब पुरानी कृषि उपज मंडी से ऐतिहासिक कलश यात्रा निकाली गई जिसमें करीब 2000 लोग शामिल थे। शोभा यात्रा की सौंदर्यता को चार चांद लगाता हुआ बस्तर नृत्य, पंथीनृत्य, भजन टोली, राउत नाचा और अखाड़चियों का करतब लोगों को खूब पसंद आया। शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत हुआ और सुश्री जया किशोरी की एक झलक पाने के लिए पूरा धमतरी उमड़ पड़ा था। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जितेंद्र शर्मा, दिलीप राज सोनी,  योगेश गांधी,  विकास शर्मा,  सन्नी मिश्रा, श्रीमती अर्चनाचौबे, विथिका विश्वास, केशव प्रसाद शर्मा, हर्षद मेहता, लक्खु भाई भानुशाली, श्रीमती नीला शर्मा, श्रीमती नीतू शर्मा, श्रीमती आरती शर्मा, श्रीमती पूजा शर्मा, आशीष नायक, अर्जुन पुरी गोस्वामी, शिवदत्त उपाध्याय, भरत सोनी, नंदू जसवानी, सुरेश गुप्ता, शिवनारायण छांटा, आशा श्रोती, हेमलता शर्मा, चंद्रिका साहू ,वीरेंद्र साहू, नम्रता माला पवार ,बरखा शर्मा ,गोविंद गांधी, गोपीकृष्ण साहू ,डॉ के एल देवांगन ,रजत जसूजा, चिरंजीव हिरवानी, जय हिंदुजा, प्रकाश पांडे, श्रीमती राधा अग्रवाल, श्रीमती कीर्ति शार्दुल सहित हजारों की संख्या में भागवत प्रेमी, भागवत कथा का भागवत पान करने श्री रामलीला मैदान के कथा स्थल पर उपस्थित थें।

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