श्री पी. दयानंद ने बताया कि राज्य में समग्र शिक्षा के अंतर्गत केन्द्र सरकार की महात्वाकांक्षी योजना समावेशी शिक्षा संचालित है। इसमें दिव्यांग बच्चों को बाधारहित वातावरण तैयार कर शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए प्रयास किया जाता है। राज्य की शालाओं में अध्ययनरत कक्षा 9वीं से 12वीं तक दृष्टिबाधित बच्चों के अध्ययन में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए एम.जंक्शन कोलकाता के सहयोग से स्मार्टफोन में सुगम्य पाठ्य-पुस्तक प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने राज्य में शिक्षा गुणवत्ता सुधार और आधुनिक तकनीक का उपयोग शिक्षा के लिए किए जाने पर जोर दिया। साथ ही निष्ठा कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य में संचालित कार्य पर प्रकाश डाला। 
    यह कार्यशाला 13 जनवरी से 25 जनवरी तक चार चरणों में संचालित हो रही है। प्रथम चरण में जिलों के चयनित बी.आर.पी. (समावेशी शिक्षा) को स्मार्टफोन में पाठ्य-पुस्तक के उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। द्वितीय से चतुर्थ चरण तक जिलों के शालाओं में अध्ययनरत दृष्टिबाधित बच्चों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। 
    
    कार्यशाला में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की अतिरिक्त संचालक डॉ. सुनीता जैन, एम. जंक्शन कोलकाता से सीनियर मैनेजर सुश्री पिया नंदी, होमियार और समग्र शिक्षा की सहायक संचालक श्रीमती सीमा गौरहा, श्रीमती श्यामा तिवारी और श्री संजय शर्मा उपस्थित थे।