खून की कमी - कुपोषण रोकने के लिए मलेरिया की रोकथाम बहुत जरूरी
उल्लेखनीय है कि बस्तर को मलेरिया, एनीमिया और कुपोषण से मुक्त करने के संकल्प के साथ 15 जनवरी से संभाग के सातों जिलों में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान शुरू किया गया है। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम घरों के साथ ही स्कूलों, आश्रम, छात्रावासों और पैरा मिलिट्री कैम्पों में जाकर मलेरिया की जांच कर रही है। इसके साथ ही हाट-बाजारों में लोगों की जागरूकता के लिए अभियान चलाया जा रहा है। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के अंतर्गत मलेरिया उन्मूलन के साथ ही एनीमिया, शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और कुपोषण दूर करने पर भी फोकस किया जा रहा है। इसके साथ ही कुपोषण और एनीमिया मुक्ति को ध्यान में रखते हुए बस्तर संभाग के साढ़े छह लाख से अधिक गरीब परिवारों के लिए ’मधुर गुड़ योजना’ शुरू की गई है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पूरे प्रदेश में सुपोषण अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत सभी विभागों के समन्वित प्रयास से कुपोषण मुक्ति का प्रयास किया जा रहा है। योजना के तहत बच्चों के साथ महिलाओं को भी गर्म भोजन दिया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में किचन गार्डन बागवानी की शुरूआत की गई है, जिससे बच्चों को मध्यान्ह भोजन में ताजे और स्थानीय पोषक आहार मिल सकें।
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