अतिथियों ने इस दौर को भविष्य निर्माण का दौर बताया
भूपेंद्र साहू
धमतरी।धमतरी
के सबसे बड़े कॉलेज बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव महाविद्यालय का स्नेह सम्मेलन
बुधवार को कालेज में आयोजित किया गया ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि धनेंद्र
साहू अभनपुर विधायक थे ।अध्यक्षता सिहावा विधायक व जनभागीदारी समिति की
अध्यक्ष लक्ष्मी ध्रुव ने की ।बतौर अतिथि विधायक रंजना साहू ,कांग्रेस जिला
अध्यक्ष मोहन लालवानी, शरद लोहाना, विजय साहू ,भरत सोनी ,सहित पार्षद
,जनभागीदारी समिति के सदस्य मौजूद थे ।
कार्यक्रम की शुरुआत में साल भर की
गतिविधियों में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मेडल से
पुरस्कृत किया गया ।उद्बोधन में मोहन लालवानी ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ
अन्य गतिविधियों में भी विद्यार्थियों को शामिल होना चाहिए ।विधायक लक्ष्मी
ध्रुव ने कहा कि विद्यार्थी को अपने कैरियर के प्रति सजग रहकर लक्ष्य की
ओर ध्यान देना चाहिए।
अधुनिधिकता के युग में मोबाइल इंटरनेट टीवी से दूर हट
कर पढ़ाई की ओर ध्यान देना चाहिए ।विधायक रंजना साहू ने अटल बिहारी वाजपेई
की कविता से उद्बोधन शुरू करते हुए अपने छात्र जीवन को याद किया ।उन्होंने
कहा कि इस महाविद्यालय में टैलेंट की कमी नहीं है जिन्हें यहां के
प्राचार्य और शिक्षक प्लेटफार्म देते हैं । उन्होंने कॉलेज के लिए कुछ
मांगों को भी रखा मुख्य अतिथि धनेन्द्र साहू ने कहा कि यह दौर भविष्य
निर्माण का दौर होता है ।जो मांगे रखी गई है उसे वे मुख्यमंत्री ,प्रभारी
मंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री तक जरूर पहुंचाएंगे ।इसी बीच कुछ मांगों को
जनभागीदारी से स्वीकृत करने की घोषणा भी उनके द्वारा की गई ।
इसके बाद शुरू
हुआ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम ।सबसे पहले अलग अलग प्रांत के परिधान से
सजे विद्यार्थियों ने रैंप वॉक कर सबका दिल जीत लिया ।जोश और जुनून के बीच
संस्कृतिक कार्यक्रम में जमकर उल्लास देखा गया ।कार्यक्रम का संचालन
प्रोफेसर श्रीदेवी चौबे ने और आभार व्यक्त प्रोफेसर अमर सिंह साहू ने किया ।
इस
बीच कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीएस चौबे ने उद्बोधन में जनप्रतिनिधियों की ओर
इंगित करते हुए कहा कि वर्षों से पिछड़ा हुआ इस महाविद्यालय के लिए कोई
जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं देता है ।आज यहां पर सभी बैठे हुए हैं कुछ तो ध्यान
दें और अपने जनप्रतिनिधि होने का सबूत भी दे। उन्होंने विषय शिक्षकों की
कमी ,महिला हॉस्टल को अपडेट करना ,कुश्ती के लिए इंडोर हाल बाउंड्री वाल
जैसी मांगों को रखा और यह कहते हुए विराम दिया कि यह स्नेह सम्मेलन उनका
कार्यकाल का अंतिम होगा।
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