ग्रामीणों का कहना -एनीकट को खाली करना था तो करोड़ों रुपया खर्चा करके इसका निर्माण क्यों किया
पवन निषाद
मगरलोड
(धमतरी ) ।। कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर से से आधा किलोमीटर दूर नवागांव
(बुडेनी) एनीकेट बना हुआ है जो जल संसाधन विभाग धमतरी के अंतर्गत आता है।मार्च महीना में एनीकट में पानी लबालब भरा हुआ था जिसके
कारण बुडेनी ,नवागांव, परेवाडीह, भेंडरी व राजिम, नवापारा आसपास तकरीबन
दो दर्जन से भी अधिक गांव में वाटर लेवल बना हुआ था। किंतु चार जलद्वार
(गेट) से पानी रिसने के कारण एनीकट में पानी कम बचा हुआ है।
चौबेबांधा पुल से नदी की रेत दिख रहे हैं जिसमें 8 से 10 फीट पानी भरा हुआ
था वह अब खाली होने के कगार पर हैं। कई जगह कम पानी होने के कारण रेत ही
रेत दिखाई दे रहा है। एनीकट जब लबालब था तो दूर-दूर तक पानी ही पानी नजर
आता था परन्तु अब यह मात्र पुल से कुछ दूरी तक ही दिख रहा है। अब दूर तक
नजर दौड़ाने की जरूरत नहीं, नजदीक से ही रेत दिखाई दे रहा है। भूमि से पानी
खींचने वाले अधिकांश मोटर पंप जवाब दे दिए हैं अर्थात पानी नहीं निकल पा
रहा है। अंचल में गर्मी तेजी के साथ बढ़ रही है पारा भी लगातार चढ़ रहा हैं
ऐसे समय में नदी, तालाब व जलाशयों के पानी निस्तारी व अन्य कामों में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसा नहीं है कि इस संबंध में विभागीय
अधिकारियों को अवगत नहीं कराया गया बल्कि जल संसाधन विभाग धमतरी के ई ई
एके पलड़िया से मोबाइल में बात हुई थी तो 21 अप्रैल के बाद आकर खुद उचित
कार्यवाही का भरोसा दिलाया था । आज 28 अप्रैल हो गया फिर भी एनीकेट के
चारों जल द्वार खुले हुए हैं जिससे तेजी के साथ पानी निकल रहा है। यही
कारण है कि एनीकट का जल स्तर निरंतर कम हुआ है। इस संबंध में स्थानीय
जनप्रतिनिधियों के अनदेखी भी समझ से परे हैं। आखिर क्षेत्र के जनता को ही
इनका लाभ मिलना है। बावजूद ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है। इसी तरह जल
द्वार से पानी निकलता रहा तो एनीकेट पूरी तरह से सूख जाएगी।
उल्लेखनीय है
कि करोड़ों रुपए की लागत से 2017 में एनीकट अस्तित्व में आया। पूर्व के 3
वर्ष भी गर्मी के दिनों में एनीकट खाली रहा। जिसके कारण लोगों को पानी के
लिए भयंकर तकलीफ उठानी पड़ी थी इस बार भी लगता है यही दौर आने वाला है।
जानकारी के मुताबिक इस एनीकट का फायदा खासतौर से तीनों विधानसभा कुरूद,
राजिम एवं अभनपुर क्षेत्र को मिलता है। राजिम और अभनपुर में सत्ता पक्ष के
विधायक है तथा कुरूद में भाजपा के कद्दावर पूर्व मंत्री विधायक है। अंततः
एनीकट के चारों जल द्वार को बंद करने में विभाग तत्परता क्यों नहीं दिखाई जा
रही है यह सोचनीय है। स्थानीय ग्रामीण भीखम सोनकर, गोकुल साहू, अनिल
जांगड़े, संतोष सोनकर, महेंद्र पटेल, दिनेश, महेश कुमार, तुलाराम, लीलाराम
साहू का कहना है कि गर्मी में एनीकट को खाली करना था तो करोड़ों रुपया
खर्चा करके इनका निर्माण क्यों किया गया। इससे तो अच्छा यह था कि हम
दिसंबर-जनवरी-फरवरी इन तीन महीने में नदी में बाड़ी लगाकर फसल ले लेते थे।
इससे हमारे परिवार को रोजगार भी मिलता था तथा बाकी के दिनों के गुजारा के
लिए पैसा इकट्ठा हो जाता था।
इस
संबंध में जल संसाधन विभाग मगरलोड के सब इंजीनियर जीएस साहू ने मोबाइल से
संपर्क करने पर बताया कि जिस गेट से पानी का रिसाव हो रहा है वह खराब हो
गया है उसे एक-दो दिन में सुधरवा लिया जाएगा।
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