नगरी के वार्ड 15 में निर्माणाधीन मटन मार्केट का हो रहा जमकर विरोध

 

वार्ड 15 के रहवासियों के साथ-साथ आसपास के अन्य वार्डवासी भी है सहमत

 

आरती गुप्ता 
नगरी।नगर पंचायत नगरी का मटन मार्केट हमेशा से विवादों के घेरे में रहा है। कुछ वर्षो पहले भी नगर पंचायत द्वारा इसे बुधवारी बाजार के पास ले जाने की कोशिश की गई थी पर वार्डवासियों के विरोध और मटन मार्केट व्यवसायियों के संचालित जगह से नही हटने की हटधर्मिता से सफलता हासील नही हुई। सूत्रों की माने तो मटन मार्किट के लिए बाकायदा लाखों रुपये के खर्चे से भवन का निर्माण कराया गया था जो कई दिनों से कूड़ा उठाने वालों का आशियाना बना हुआ है। जिसकी सुध अब तक नपं ने नही ली।
 
मामला यह है कि नपं नगरी द्वारा शहीद सेनानी वार्ड 15 में स्थित शनिवार बाजार सेड पर फिर से मटन मार्केट बनाने की तैयारी की जा रही है। जिसका वार्डवासियों के साथ-साथ वार्ड क्रमांक 10, 13 एवं14 के लोग भी नगर पंचायत के इस निर्णय का जमकर विरोध कर रहे है। चुकी निर्माणाधीन भवन से महज 50 मीटर की दूरी पर नगर की प्रमुख अधिष्ठात्री देवी शीतला का मंदिर है जो नगर का आस्था का केंद्र है नगर का माता तालाब भी यही पर मौजूद है जहाँ पर आराध्य देवी दुर्गा, भगवान गणेश जी का विर्सजन किया जाता है। नगर में मेला -मड़ाई लगने का यह पवित्र स्थल है, इसी स्थान पर हजारो की संख्या में देवी-देवताओं का जमघट लगा रहता है। ऐसे पवित्र जगह पर नगर पंचायत द्वारा बनाये जा रहे मटन मार्केट का खुला विरोध रूपेंद्र साहू, रतन साहू, तरुण गौर, वरुण पुजारी, रवेंद्र साहू, जितेंद्र निषाद, लक्ष्मीकांत, छबि कंचन, रविन्द्र गौर, दिलेस्वरी मिर्ची, रामहिंन बाई, यश नाग, विकास साहू, द्रविण नाग सहित अन्य वार्ड के लोगो के द्वारा किया जा रहा है। इनका कहना है कि नगर पंचायत इन लोगो के धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ में लगा है। 
 
वार्ड वासियो की मांग-
वार्ड वासियों का कहना है कि बुधवारी बाजार के पास मटन मार्केट के लिए लगभग 15 वर्ष पहले ही व्यवसायिक कांप्लेक्स का निर्माण कराया गया है जिस पर लाखों रुपए खर्च किए गए हैं, जिसका आज तक कोई उपयोग नही हुआ है वर्तमान में ये कूड़ा बीनने वालों का आशियाना बना हुआ है कई दिनों से इनका पूरा परिवार यहाँ निवासरत है।अगर मटन मार्केट के जगह में हेरफेर करना ही है तो पूर्ववत जगह का चयन क्यों नहीं। अन्यथा यही समझा जाएगा की नगर पंचायत द्वारा सरकारी पैसों का खुलकर दुरुपयोग किया जा रहा है। और कुछ रसूखदारों को फायदा पहुचने के मकसद से यह निर्णय लय गया है।
 
 इस विषय पर सीएमओ श्री बर्मन का कहना है कि स्थानीय प्रशासन के द्वारा यह  व्यवस्था बनाई जा रही थी। उच्च अधिकारियों का जैसा दिशानिर्देश होगा और लोगों की राय के अनुसार ही आगे की कार्रवाही की जाएगी।

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