कोरोना पाजिटिव की परिस्थिति में कान्टेक्ट ट्रेसिंग टीम की क्या होगी भूमिका


         सहभागिता व सहयोग से ही कोरोना की जंग में विजय होगी - सीईओ नम्रता गांधी

         
धमतरी। जिला पंचायत सीईओ नम्रता गांधी के नेतृत्व में अनुविभागीय अधिकारी मनीष मिश्रा,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ डी.के. तुर्रे, डाॅ विजय फूलमाली,जिला संगठक प्रदीप साहू,बीईओ डी.आर.गजेन्द्र की उपस्थिति में कान्टेक्ट टेªसिंग टीम का कार्यशाला सहप्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रशिक्षण केन्द्र धमतरी में आयोजित किया गया। सीईओ जिला पंचायत नम्रता गांधी ने कहा कि कोविड-19 विश्वव्यापी आपदा से जिला धमतरी को किस प्रकार से सुरक्षित रखा जाए एवं सभी की सहभागिता व सहयोग से ही धमतरी जिले को कोरोना जैसे महामारी से मुक्ति दिला सकते है कोरोना की जंग में विजय प्राप्त कर सकेंगें। इसकी पूर्व तैयारी हेतु सक्रिय एवं उर्जावान शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि आपात कालीन स्थिति में अपनी सेवाएं दे सके। जिसमें धमतरी विकासखंड के प्राथमिक माध्यमिक एवं हाई हायर सेकेण्डरी में कार्यरत शिक्षकों को कोरोना कोविड-19 की रोकथाम एवं सुरक्षा के लिए कान्टेक्ट ट्रेसिंग प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षकों द्वारा बताया गया कि जब कोरोना पाजिटिव की परिस्थिति आती है तो मुख्य रूप से कौन-कौन सी जानकारी संबंधित व संबंधित के परिवार पड़ोसी से जानकारीयां एकत्रित कान्टेक्ट ट्रेसिंग के माध्यम से लिपिबद्ध किया जाना है।
 
 “ए”, “बी” व “सी” की ग्रुप में होगी जैसे “ए” ग्रुप का कार्य जैसे ही कोरोना पाजिटिव की सूचना प्राप्त होगी तीन व्यक्तियों की कान्टेक्ट ट्रेसिंग टीम को पाजिटिव मरीज के घर पर निवास स्थान में भेजा जावेगा। प्रथम “ए” व्यक्ति पिछले 15 दिनों में उसके यात्रा के इतिहास एवं ठिकाने तथा संपर्क में आये हुये व्यक्यिों के बारे में जानकारी लेना होगा। टीम के द्वितीय व्यक्ति “बी” द्वारा परिवार आगंतुको,रिश्तेदारों आदि के विवरण के बारे में पुछा जावेगा। टीम के तृतीय व्यक्ति “सी” द्वारा उसके पड़ोसीयों से पाजिटिव मरीज या उनके परिवार में आने-जाने वालो तथा उनकी सामान्य गतिविधियों की पूछताछ एवं संबंधित जानकारी एकत्रित करना होगा । एक बार सभी जानकारी एकत्र करने बाद टीम “ए” “बी” “सी” को प्राप्त विवरण को संकलित किया जावेगा। यदि विषंगतियों या विरोधाभास की स्थिति बनती है तो संबंधित व्यक्तियों से पुनः पूछताछ कर सुधार किया जावेगा। छः घंटे के भीतर पूरी संपर्क सूची तैयार किया जावेगा। प्रशिक्षण के दौरान ड्यूटी में लगे अधिकारी कर्मचारियों की सुरक्षा को विशेष ध्यान रखते हुए पी.पी.ई किट पहने के तरीके एवं उपयोग पश्चात् डिस्पोज करने के तरीके के साथ-साथ अपने आप को किस प्रकार से पूर्ण रूप से सेनेटाराईज किया जावेगा की विस्तृत जानकारी दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षक के रूप में योगेश धीवर,भूपेन्द्र देवागंन,उमाकान्त बैध,कौशिक एमएलटी ने प्रशिक्षण के दौरान बारीकीओं से अवगत कराया एवं प्रशिक्षुयों द्वारा अपने जिज्ञासा को शांत करने के लिए अनेक प्रश्न प्रशिक्षकों से किया गया जिसकी पुष्टि बहुत ही सरल व प्रायोगिक रूप से किया गया।
 

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