आरती विनोद गुप्ता
नगरी । नगरीय निकाय चुनाव के बाद लोगों को उम्मीद बंधी थी कि नगर पंचायत नगरी में
अब तेजी के साथ विकास कार्याे को गुणवत्ता के साथ अंजाम दिया जाएगा। विकास
कार्याे को अब मूर्तरूप देने की कवायद भी शुरू हो गई, लेकिन निर्माण
कार्याे में गुणवत्ता को दरकिनार किए जाने का आरोप लगने लगा है। कुछ
जिम्मेदार जनप्रतिनिधि निर्माण कार्याे में अपने करीबियों कोलाभ दिलाने में जुट गए है। यहीं कारण टेंडर किसी दूसरे को और निर्माण कार्य पेटी ठेकेदार करा रहे है। नगरी
के मां शीतला मंदिर ग्राउण्ड परिसर में चेकर टाईल्स के लिए पार्षद निधि से
स्वीकृति मिली है। राशि स्वीकृत होने के बाद से ही निर्माण टेंडर-टेंडर का
खेल शुरू हो गया।
जिस ठेकेदार को ठेका मिला, उसके
बजाय दूसरे पेटी ठेकेदार ने निर्माण कराया। सूत्रों से मिली जानकारी के
अनुसार 580 मीटर चेकर टाईल्स का काम किया जाना था, लेकिन महज 380 मीटर में
ही काम निबटा दिया गया। निर्माण में गुणवत्ताहीन मटेरियल का उपयोग किया
गया। निर्माण में गुणवत्ता नहीं होने पर नगर व्यवस्था समिति के अध्यक्ष
ललित शर्मा ने दो माह पहले ही आपत्ति जताई। इसके बाद भी लगातार निर्माण
कार्य जारी रहा। नगर पंचायत के सीएमओ से निर्माण कार्य की लिखित शिकायत कर
ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी। इसके अलावा जिस इंजीनियर की देखरेख
में काम हुआ, उसके खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने के लिए आवेदन किया गया था,
लेकिन दो माह बीत जाने के बाद न तो जांच हुई और न कोई कार्रवाई हुई।
सूत्रों का कहना है कि नगर पंचायत के एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि ने अपने
करीबी से यह निर्माण कार्य कराया है। यहीं कारण है कि अफसर किसी तरह कार्रवाई और जांच के लिए खुलकर सामने नहीं आ रहे है। पूरे मामले में जांच हुई तो भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा हो सकता है।
इस
मामले में नगर पंचायत सीएमओ डी.एल.बर्मन का कहना है कि मैंने इंजीनियर को
कार्य के निरक्षण के लिए मार्क कर दिया है। उनकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की
कार्रवाही की जाएगी।
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