धमतरी ।विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर देमार के छात्र ने अपने को जागरूक करने का प्रयास किया है ।
सरकार देती है परमिशन,
इसलिए लोग बंद नहीं करते नशे का मिशन।
अमीर तो अमीर गरीब भी गुटखा खाते हैं।
न जाने उनकेे पास कहां से पैसे आते हैं।।
कुछ दिनों के लिए सरकार कर देती है बंद।
तो बेचैनी से लोग हो जाते हैं बेढंग।।
कहीं मारपीट तो कहीं दंगा-फसाद।
नहीं जानते ये,नशे से बढ़ता है विवाद।।
फैशन में लोग करते हैं नशा।
और फिर इसी में पूरा जीवन फंसा।।
नहीं रहती कुछ भी समझदारी।
शुरू हो जाती है लंबी बिमारी।।
किसी का फुल जाता है मुंह,
तो किसी के निकालने पड़ते हैं दांत।
किसी के मुंह में छाले,
कभी नींद न आती रात।।
कुछ पैसों के लिए बिक जाते हैं लोग,
बिक जाती है पूरी ईमान।
नशा फिर भी नहीं छूटता,
आखिर डूब जाता है इंसान।।
अब ऐसे भी दिन आ गये,
कि पति मांगता है पैसा
और बच्चों को पड़ती है मार,
सच मानिए उस दिन बीवी की हो जाती है हार...।
नशा सबसे बड़ा दुश्मन है आदमी का आज।
अगर रुक जाए नशा तो सुधर जाए समाज।।
न ही नशा करता हूं,
न ही नशा करने देता हूं।
रोज़ लड़ता हूं नशे के खिलाफ,
क्योंकि मैं जीना चाहता हूं चार दिन,
बिना नशे के बेमिसाल।
तोमन साहू
12वीं विज्ञान
शा उ मा वि देमार
(धमतरी)
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