आरती विनोद गुप्ता
नगरी।छत्तीसगढ़ के अलग-अलग तीन शहरों की तीन छात्रा कु.वैशाली किरण पिता वरुण किरण लाइन पारा नगरी, जिला-धमतरी, रचना मिश्रा पिता संजय मिश्रा अंबिकापुर, नित्या तिवारी पिता अरूण कुमार तिवारी रायपुर लगभग साढ़े तीन माह से पंजाब के लुधियाना शहर में फसे हुए है। तीनो लड़कियां है इसलिए अनजान जगह पर बेबस है। इन्हें राशन सामग्री के लिए भी किल्लत उठानी पड़ रही है। खाना बनाने को पर्याप्त बर्तन नही है, मात्र एक कुकर की व्यवस्था है जिसमे रोज चावल व आलू पकाकर खाने को मजबूर है, जिसकी वजह से इन्हें ठीक से खाना भी नसीब नही है। भीषण गर्मी में केवल एक ही रूम में गुजारा करना पड़ रहा है, बिना साधन के इनकी तबियत बिगड़ने लगी है। लॉकडाउन के चलते छात्राएं नर्क से बदतर जिंदगी जीने को मजबूर है।
छात्राओं
से प्राप्त जानकारी के अनुसार ये तीनो कामधेनु विश्व विद्यालय अंजोरा
दुर्ग छ.ग.के अंतर्गत आने वाले शासकीय दुग्ध विज्ञान एवं खाद्द
प्रौद्योगिकी महाविद्यालय रायपुर के बी.टेक अंतिम सेमेस्टर की छात्रा है।
जिन्हें इनके कालेज द्वारा इंटर्नशीप के लिए जनवरी 2020 से अप्रेल 2020 तक
वेरका डेयरी प्लाँट लुधियाना पंजाब भेजा गया है। ये सभी 15 जनवरी से
लुधियाना में हैं। तीन मई रविवार को हमारी टीम को मोबाइल के माध्यम से
बताया कि वे लॉक डाउन में पंजाब के लुधियाना शहर में लंबे समय से फसें है।
भोजन के लिए बाहर से टिफिन मंगवाते थे किन्तु लाँकडाउन के कारण सब बंद पड़ा
है, ये अभी लुधियाना के खालसा पीजी, किराये के मकान म़े रहती हैं। लाँकडाउन
के कारण यहीं एक कमरें में फंसी हुई हैं। इन्होंने बताया है कि हमारे पास
भोजन बनाने के लिए आवश्यक बर्तन नही हैं, मुश्किल से एक कूकर की व्यवस्था
कर उसी में चांवल और आलू उबाल रहे हैं। सब्जी और राशन की बहुत दिक्कत हो
रही है। हम तीनो लड़की है और हम बहुत परेशानी में दिन काट रहीं हैं। हम बहुत
चिन्तित हैं, वैश्विक आपदा की इस कठिन घड़ी में हम अपने परिवार और घर वालों
से दूर यहां असहाय महसूस कर रहे हैं। अपरचित जगह पर हमारा सहयोग करने एवं
ध्यान रखने वाला कोई भी नही है।
छात्राओं ने लगाई गुहार,,-
अलग
अलग जिले की तीनों छात्राओं ने छत्तीसगढ़ एवं पंजाब सरकार से गुहार लगाते
कहा है कि कृपया हमारी मदद करें हमें सुरक्षित जल्द से जल्द हमारे
होमटाऊन, हमारे परिवार तक पहुंचा दे, प्लीज कोई रास्ता निकालें।
पालको ने लगाई गुहार,,-
हम
पालक एसडीएम, कलेक्टर, क्षेत्रीय विधायक, काँलेज डीन, राज्य सरकार एवं
पंजाब सरकार से भी आनलाईन रजिस्टर कर बच्चों की सुरक्षित वापसी के लिए
गुहार लगाई है, पर अब तक कोई कार्यवाही नही हुई है।
विदित
है वैशाली किरण पिता वरुण किरण 2010 में 22 वीं विश्व स्काउट जम्बूरी
स्वीडन में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी है एवं राज्यपाल पुरुस्कार से
सम्मानित है।
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