गुरु पूर्णिमा पर भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए उठाया कदम बिना प्रशासनिक सहयोग के भीड़ को नियंत्रित कर पाना असंभव
प्रमेंद्र अस्थाना
वृंदावन (मथुरा) उत्तर प्रदेश।कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लागू अनलॉक-2 के दौरान सरकार द्वारा मंदिरों को सशर्त खोले जाने की छूट दिए जाने के बावजूद मंदिर प्रबंधन एवं सेवायत मंदिरों को गुरु पूर्णिमा पर्व तक आम दर्शनार्थियों के लिए खोलने के मूड में नहीं हैं। उनका मानना है कि गुरु पूर्णिमा पर आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को बिना जिला प्रशासन के सहयोग के नियंत्रित कर पाना संभव नहीं होगा। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन भी सुनिश्चित नहीं हो सकेगा। ऐसे में जिला प्रशासन के सहयोग के बिना मंदिरों को आम भक्तों के लिए खोला जाना संभव नहीं है।
सरकार द्वारा अनलॉक-1 के दौरान जारी गाइड लाइन के अनुसार मंदिरों को सशर्त खोले जाने की छूट दी गई थी। मंदिर प्रबंधन एवं सेवायतों श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोई आश्वासन न मिलने के कारण आम दर्शनार्थियों के लिए 30 जून तक पट बंद रखने का निर्णय लिया था। लेकिन वर्तमान कोरोना संक्रमण के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए अधिकांश मंदिर प्रबंधन समेत सप्तदेवालयों में से छह देवालयों ने 31 जुलाई तक मंदिर के पट बंद रखने का एकमत से निर्णय लिया है।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर के सेवायतों का कहना है कि मंदिर प्रबंधन द्वारा मंदिर के अंदर की व्यवस्थाओं को सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सुचारु किया जा सकता है। लेकिन बाहर की व्यवस्था को जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के सहयोग के बिना सम्हाला जाना संभव नहीं है। कहाकि गुरु पूर्णिमा पर्व पर बाहर से आने वाले भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने में मंदिर प्रबंधन बिना प्रशासनिक सहयोग के सक्षम नहीं होगा।
सेवायत मोहन लाल गोस्वामी मम्मू एवं आनंदबल्लभ गोस्वामी का कहना है कि मंदिर प्रबंधन और सेवायत अंदर सरकार की गाइड लाइन के अनुरुप सम्हाल सकते हैं। लेकिन बाहर लगने वाली भक्तों की भीड़ को सम्हालना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा। कहा कि 5 जुलाई को मुड़िया पूनौ मेला (गुरु पूर्णिमा) पर प्रशासन ने भले ही रोक लगा दी हो, लेकिन फिर भी आसपास के क्षेत्रों की भीड़ धर्मनगरी में उमड़ेगी। उसे सिर्फ पुलिस प्रशासन द्वारा ही नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसे में फिलहाल 31 जुलाई तक मंदिर को खोला जाना उचित नहीं होगा।
मंदिर प्रबंधक मुनीश कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते मंदिर आम दर्शनार्थियों के लिए 31 जुलाई तक बंद रहेगा।
ठा. राधाबल्लभ मंदिर के सेवायत मोहित मराल गोस्वामी का कहना है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए फिलहाल मंदिरों को आम भक्तों के लिए खोलना खतरे से खाली नहीं होगा। कोरोना के खतरे को देखते हुए सरकार द्वारा अनलॉक-2 को 31 जुलाई तक लागू किया गया है। ऐसे में हमें सरकार के नियमों का अनुपालन करते हुए अधिक से अधिक समय घरों में रहने का प्रण करना चाहिए। उन्होंने भक्तों से अपने घरों ही रहकर भगवत आराधना करने का आह्वान किया है। बताया कि मंदिर प्रबंधन द्वारा ठाकुरजी के पट आम भक्तों के लिए न खोलने का निर्णय लिया है। वहीं राधासनेहबिहारी मंदिर, श्रीकृष्ण बलराम इस्कॉन मंदिर, रंगनाथ मंदिर समेत अन्य छोटे-बड़े मंदिरों ने भी बांकेबिहारी मंदिर के निर्णय के साथ रहने की बात कही है। कहा कि आने वाले दिनों में सभी मंदिरों के सेवायत एवं प्रबंधन एक साथ बैठकर आगे की रणनीति पर मंथन करेंगे।
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