मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महिला समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की गुणवत्ता को सराहा
सेंटर की गतिविधियों के लिए सीएसआर फंड से 15 लाख रूपए देने की घोषणा की
रायपुर :
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आ निवास कार्यालय में ‘कल्पतरू‘ मल्टीयूटीलिटी सेंटर, सेरीखेड़ी में कार्य कर रही बिहान रायपुर (उजाला ग्राम संगठन) की महिलाओं ने मुलाकात की। महिलाओं ने इस सेंटर में तैयार किए जा रहे विभिन्न उत्पाद मुख्यमंत्री को दिखाए और उनके संबंध मंे जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना की और उनके बारे में महिलाओं से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए सेरीखेड़ी के इस मल्टीयूटीलिटी सेंटर के कार्य के विस्तार और विभिन्न गतिविधियों के लिए सीएसआर मद से 15 लाख रूपए की राशि उपलब्ध कराने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राशि से उन्हें काम करने और भी अधिक आसानी होगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मल्टीयूटीलिटी सेंटर सेरीखेड़ी की गतिविधियों और तैयार किए जा रहे उत्पादों पर केन्द्रित फोल्डर का विमोचन किया। महिलाओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि कोरोना संकट काल में उन्हें इस सेंटर के माध्यम से रोजगार और आय का बड़ा सहारा मिला। महिलाएं अपने साथ गोबर से तैयार गमले, राखी जैसे उत्पाद भी मुख्यमंत्री को दिखाने लायी थीं। महिला समूह की अध्यक्ष श्रीमती मोहिनी डहरिया ने गोधन न्याय योजना प्रारंभ करने की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत समूहों की महिलाएं इस सेंटर में ग्लिसरीन साबुन, डिजायनर मोमबत्ती, बांस के ट्री गार्ड, अगरबत्ती, फिनायल, फेश वास, मशरूम, मुनगा पावडर से तैयार कुकीज, हर्बल टी, एलईडी बल्ब, स्लीपर, गोबर के गमले, हर्बल गुलाल तथा बांस, गोबर, सब्जी के बीज और ग्लिसरीन सोप से डिजायनर राखियां तैयार कर रही हैं। कोरोना संकट के काल में सेंटर की महिलाओं द्वारा सेनेटाईजर, कोरोना से बचाव के लिए फेश सील्ड, तीन लेयर वाले कॉटन के मास्क, मेडिकल गाउन और हाल ही में पीपीई किट तैयार करना शुरू किया गया है। सेरीखेड़ी सेंटर की महिलाओं ने क्वारेंटाईन सेंटर में रूके मजदूरों के लिए कोरोना सुरक्षा किट भी तैयार किए, जिनका उपयोग रायपुर के क्वारेंटाईन सेंटरों में किया गया। इस किट में सेनेटाईजर, साबुन, मास्क आदि सामग्री शामिल की गई थी।
इस अवसर पर उपस्थित रायपुर कलेक्टर एस. भारतीदासन ने मुख्यमंत्री को बताया कि पिछले वर्ष दिसम्बर से प्रारंभ इस सेंटर में 180 महिलाएं काम कर रही है। महिलाओं द्वारा उत्पादित विभिन्न सामग्रियों का अब तक कुल 1 करोड़ 10 लाख रूपए का व्यवसाय किया है। इस अवधि में महिलाओं को लगभग 30 लाख रूपए की मजदूरी का भुगतान किया गया है। यहां काम करने वाली महिलाओं को 25 रूपए प्रति घंटे के हिसाब से मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। हर महिला को औसतन 200 रूपए प्रतिदिन मजदूरी मिलती है। महिलाएं इस केन्द्र में गौमूत्र, गोबर पावडर, गोबर के अर्क, आलू विटामिन ई, कैमल मिल्क, गोट मिल्क और एलोवेरा से साबुन तैयार कर रही हैं। अच्छी गुणवत्ता के कारण इनकी अच्छी बिक्री हो रही है। अब तक इस केन्द्र में तैयार लगभग 12 लाख रूपए के साबुन बेचा गया है। इस केन्द्र में तैयार साबुन को भारत सरकार के खादी बोर्ड द्वारा खरीद कर पूरे देश में इसका विक्रय किया जा रहा है। सेरीखेड़ी सेंटर में कोरोना से बचाव के लिए तैयार किए जा रहे मास्क मात्र 40 रूपए में बेचे जा रहे है, जबकि बाजार में इसकी कीमत 120 रूपए तक है। मल्टीयूटीलिटी सेंटर से उजाला ग्राम संगठन के 35 स्व-सहायता समूह जुड़े हैं।
सेंटर की महिलाओं द्वारा 11 हजार बांस के ट्री गार्ड तैयार किए गए। बैम्बू ट्री गार्ड का लगभग 46 लाख रूपए का बिजनेस किया गया, जिसमें से 5 से 6 लाख रूपए का फायदा हुआ। सेंटर की महिलाएं बांस के पावडर, गोबर और चारकोल से अगरबत्ती तैयार कर रही है। सेंटर द्वारा तैयार किए जा रहे बेकरी आइटम में मशरूम, मुनगा, रागी, कोदो, ओटस आदि का उपयोग भी किया जा रहा हैै। विभिन्न प्रकार की चाकलेट, पेस्टीज तैयार किए जा रहे हैं। मुनगा पावडर और मशरूम पाउडर भी यहां तैयार किए जा रहे हैं। इस सेंटर की 19 महिलाओं को चप्पल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया, 10 मशीनें उपलब्ध कराई गई, यहां एक हजार चप्पल प्रतिदिन तैयार किए जाते हैं। जिसे स्थानीय व्यापारियों द्वारा बेचा जाता है। अब तक इस सेंटर में तैयार 25 लाख रूपए की चप्पलें बेची गई, जिनसे 3 लाख रूपए की आमदनी हुई। सेंटर में एलईडी एसेम्बलिंग यूनिट की शुरूआत की गई है। इस यूनिट में 400 बल्ब बनाने की क्षमता है। महिलाओं को शत-प्रतिशत बाई बेक की नीति पर सामग्री उपलब्ध कराकर एलईडी बल्ब तैयार कराए जा रहे हैं। हर्बल गुलाल, जूट बैग, पेपर बैग भी तैयार किए जाते हैं। सेंटर द्वारा 6 से 7 हजार लीटर सेनेटाईजर की बिक्री की जा चुकी है।
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