आरती गुप्ता
नगरी। एक
ओर जहाँ पूरा विश्व कोरोना वायरस के चलते देश के अर्थव्यवस्था से लेकर
हरेक चीज में व्यापक रूप से परिवर्तन देखने को मिल रहा है। दूसरी ओर
विवाह जैसे परम्परागत एवं सामाजिक कार्य भी इससे अछूता नही रहा। कोरोना
वायरस के प्रसार को रोकने के लिए शासन द्वारा पुरे भारतवर्ष में लाकडॉउन
किया गया जिसके परिणामस्वरूप शादी, छट्टी व मृतक कार्यक्रम के साथ साथ
विभिन्न सामाजिक आयोजनों का स्वरुप बदल चूका है।
लाकडॉउन
के पहले विवाह जैसे संस्कारो को बड़ी धूमधाम से अनेक लोगो की उपस्तिथि में
पुरे विधि विधान से किया जाता था किन्तु लाकडाउन के बाद शासन द्वारा दी गयी
शिथिलता में विवाह के आयोजन का स्वरूप ही बदल गया है।वर्तमान समय में कुछ
गिने चुने लोगो की उपस्तिथि में बड़ी ही सादगी के साथ विवाह का आयोजन किया
जा रहा है इस प्रकार के आयोजनों में जहाँ एक ओर फिजूलखर्ची में लगाम लगी है
वही दूसरी ओर समाज को एक नई परम्परा को अपनाने व आदर्श विवाह जैसे
कार्यकर्मो को बढ़ावा देने का समय आ गया है।
नई
परम्परा को आत्मसात करने की इसी कड़ी में ग्राम उमरगांव में मानिक साहू के
सुपुत्र डिकेश्वर साहू का विवाह संपन्न किया जा रहा है।एक ही दिन पुरे
संस्कारो को पूरा कर दूसरे दिन बारात प्रस्थान कर दिन में ही पुरे
कार्यक्रम को सम्पन्न करके विवाह जैसे व्यापक व जटिल कार्य को इस कोरोना
काल में आसान स्वरूप मिल चुका है।
गांव में हो रहे
विवाह कार्यक्रमो में सामाजिक दुरी व मास्क लगाकर शासन के दिशा निर्देशो को
पालन किया जा रहा है।ग्राम के वालिंटियर्स व सामाजिक कार्यकर्ता महेश
अग्रवाल, अंगेश हिरवानी, देवेन्द्र सेन एवं मेघराज ध्रुव इन कार्यो में
अपना सहयोग दे रहे है और कोरोना वायरस के बारे में लोगो को जागरूक कर रहे
है।
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