गोधन न्याय योजना की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने वीसी के माध्यम से ली जानकारी
धमतरी
17 जुलाई 2020।प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी 28 जिलों
के कलेक्टरों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक लेकर आगामी 20
जुलाई से शुरू होने वाली गोधन न्याय योजना के बारे में जानकारी ली तथा
जिलों में इसकी तैयारियों को लेकर समीक्षा की। धमतरी जिले का प्रतिनिधित्व
करते हुए कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन
के संबंध में जानकारी दी।बैठक में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने योजना के संबंध में बताया कि गोधन योजना सोमवार 20 जुलाई को छत्तीसगढ़ का पारम्परिक त्योहार हरेली के अवसर पर इसका शुभारम्भ किया जाएगा, जिसके तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ बहुउद्देशीय कार्य किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पशुधन को एक सुनिश्चित जगह मिलने के साथ ही न केवल उनकी खुली चराई की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर जैविक खाद के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा स्वसहायता समूहों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना देश की पहली अनूठी योजना है जो सहकारिता एवं स्थानीय सहयोग से संचालित होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इसके पहले चरण में गोठानों का चयन कर वहां पर दो रूपए प्रतिकिलो (परिवहन व्यय सहित) के मान से गोठान समिति द्वारा गोबर क्रय शासन द्वारा समिति के माध्यम से किया जाएगा। खरीदे गए गोबर को समूह के द्वारा प्रसंस्कृत कर उसे कम्पोस्ट बनाकर ग्रामीणों को आठ रूपए प्रतिकिलो की दर से बेचा जाएगा। इससे न सिर्फ जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा, अपितु गोबर से आय अर्जित करने का नवाचार भी स्थापित होगा जिसके चलते रासायनिक खादों व पेस्टिसाइड की जगह गोबर से बनी जैविक खाद का उपयोग खेतों में किया जाएगा। यह बताया गया कि पशुपालक द्वारा समिति को गोबर का क्रय स्वैच्छिक रूप से किया जाएगा। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में यह भी बताया गया कि समिति में गोबर गीली अवस्था में होना चाहिए जो कि कंकड़, प्लास्टिक, पैरा व अन्य प्रकार का कचरारहित हो।
गोबर क्रय-पत्रक बनाया जाएगा-
मुख्यमंत्री ने बताया कि गोबर विक्रेताओं के लिए राशन कार्ड की भांति गोबर क्रय-पत्रक बनाया जाएगा, जिसमें प्रतिदिन की खरीदी-बिक्री का हिसाब रहेगा। खरीदे गए गोबर की राशि का भुगतान 15 दिनों में गोठान समिति के द्वारा हितग्राहियों को किया जाएगा। इसी तरह वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए समितियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके लिए हितग्राहियों से खरीदे गए गोबर का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा गौठान में गोबर प्रसंस्करण, वर्मी कम्पोस्ट पैकेजिंग आदि का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
कलेक्टर ने बताया कि जिले के 110 गौठानों में सोमवार 20 जुलाई को हरेली पर्व के अवसर पर पशुपालकों से गोबर खरीदा जाएगा। इसके लिए गौठानों में तौल, बांस की टोकरी सहित अन्य आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर गोधन न्याय योजना का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए आवश्यक तैयारियां जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जा रही है। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान डीएफओ अमिताभ बाजपेयी, जिला पंचायत की सी.ई.ओ. नम्रता गांधी सहित संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
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