मुख्य आरोपी जगन्नाथ को पहले ही किया जा चुका है गिरफ्तार
धमतरी।
वर्ष 2018 में सीएसपीडीसीएल (बिजली विभाग)धमतरी संभाग के कार्यपालन अभियंता (संचा/संधा)
सतीश कुमार किंडो ने थाना अर्जुनी में लिखित आवेदन प्रस्तुत कर रिपोर्ट
दर्ज कराया था कि उपभोक्ताओं द्वारा जमा की गई विद्युत बिल की नगद राशि
एवं चेक की राशि को आरोपी लिपिक जगन्नाथ मानिकपुरी के द्वारा अपने साथी
गोपाल साहू, योगेश कुमार सेन एवं बलराम सोनकर के बैंक खातों में जमा कराकर
तथा बाद में उक्त रकम का आहरण कर कुल राशि 1100057 रुपया को कार्यपालन
अभियंता के खाते में जमा ना कर कूट रचित दस्तावेज के आधार पर शासकीय राशि
का गबन किया गया। प्रार्थी द्वारा थाना अर्जुनी में नामजद आरोपियों के
विरुद्ध रिपोर्ट करने पर धारा 420, 409, 467, 468, 471, 120बी, 34 भादवी के
तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया । उक्त मामले की विवेचना के
दरमियान उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर मुख्य आरोपी जगन्नाथ मानिकपुरी को
अर्जुनी पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर उसके विरुद्ध समयावधि में अभियोग पत्र
माननीय न्यायालय प्रस्तुत किया गया। मामले के अन्य आरोपी फरार होने से
लगातार उनकी पता तलाश करते हुए जांच की जा रही थी।
तकनीकी संसाधनों एवं मुखबिर सूचना के माध्यम से
आरोपी योगेश कुमार सेन एवं बलराम सोनकर की पतासाजी कर हिरासत में लेकर
कड़ाई से पूछताछ किया गया। मामले के आरोपी योगेश कुमार सेन ने बताया कि
उसके द्वारा जगन्नाथ मानिकपुरी से शासकीय रकम 5,37,890/- रुपया प्राप्त कर
अपने बैंक अकाउंट के माध्यम से उसे देना एवं बलराम सोनकर ने भी मुख्य आरोपी
जगन्नाथ मानिकपुरी से शासकीय रकम 4,27,290/- रुपया प्राप्त कर अपने बैंक
अकाउंट के माध्यम से उसे देना बताएं किंतु मामले की जाँच के दौरान उक्त
राशि को आरोपी द्वारा बरामद नहीं कराकर साक्ष्य को विलोपित किया गया।
पकड़े गए आरोपियों द्वारा घटना कारित करने में उपयोग किए गए बैंक खाता, चेक
एवं दुकान लाइसेंस की छाया प्रति सत्यापित कर प्रस्तुत किया गया जिसे वजह
सबूत में जप्त कर आरोपी योगेश कुमार सेन पिता रामगोपाल सेन उम्र 36 वर्ष
साकिन शारदा नगर धमतरी एवं बलराम सोनकर पिता घनश्याम सोनकर उम्र 40 वर्ष
साकिन गोकुलपुर वार्ड धमतरी के द्वारा मुख्य आरोपी जगन्नाथ मानिकपुरी के
साथ षड्यंत्र कर शासकीय राशि 9,65,180/- रुपया का गबन करने में सहयोग करना
पाए जाने से विधिवत गिरफ्तार कर ज्यूडिशियल रिमांड पर भेजा गया है। प्रकरण
की विवेचना के दौरान साक्ष्य के आधार पर अन्य आरोपियों की संलिप्तता पाए
जाने की संभावना होने पर विधिसम्मत वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
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