धमतरी।इस
समाचार को पढ़ने के बाद शायद ही कोई व्यक्ति सोच सकता है कि पशुओं के
प्रति आज कोई व्यक्ति इतना निर्दयी भी हो सकता है ।लेकिन कहा जाता है कि
ऊपर वाले के घर देर है अंधेर नहीं ।हाथी के करंट से मौत की बाद बाप और दो
बेटों ने हाथी के दो टुकड़े कर उसे दफना दिया ।लेकिन कहा जाता है कि हाथी
भगवान श्री गणेश का रूप है जिसका फल उन्हें आज मिल गया ।तीनों को पुलिस ने
वन विभाग की मदद से गिरफ्तार कर लिया है।
मामला
कुछ इस प्रकार हैं घटना 2015 के मार्च अप्रैल माह की है ।ग्राम पंचायत
भंडारवाड़ी के ग्राम सिरकट्टा में किसान चैनसिंह मरकाम ने अपने खेत में
जंगली जानवर से बचाव के लिए करंट लगाया था ।एक हाथी भटक कर उस करंट की चपेट
में आ गया और उसकी मौत हो गई ।घटना लगभग शाम 7-8 बजे की थी ।चैन सिंह ने
अपने दोनों बेटों की मदद से उस जगह गड्ढा खोदकर हाथी के दो टुकड़े करते हुए
उसे दफना दिया। यह बात खत्म हो गई ।हालांकि कुछ लोगों को इसकी जानकारी थी
यह भी पता चला है ।
बताया गया कि 2 वर्ष पूर्व व उनके बेटे रंजीत ने फिर की
खुदाई की और 20 इंच का हाथी दांत निकाल कर रख लिया। इस बीच लगभग 2 माह पहले
दुगली पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि उस क्षेत्र में ऐसी घटना घटी है
।पुलिस यहां पर सक्रिय हो गई और मुखबीर को चारों तरफ लगा दिया ।धीरे-धीरे
सूचना संकलन होता गया उसके बाद कुछ लोगों को हिरासत में लेकर कड़ाई से
पूछताछ की गई जिसमें आखिरकार चैनसिंह और रंजीत संजीत ने जुर्म कबूल कर
लिया।
रविवार को वन विभाग के दक्षिण सिंगपुर के
रेंजर आशीष आर्य, कार्यपालिक
मजिस्ट्रेट नरायण साहू,मुकेश गजेंद्र,पशु चिकित्सा विभाग के वन्य प्राणी चिकित्सा अधिकारी डॉ सोमेश जोशी,पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रह्लाद लाऊत्रे और पुलिस की मौजूदगी में गड्ढे को खुदवाया गया जहां से कंकाल
निकला । चैनसिंह के घर से हाथी दांत भी बरामद किया गया ।
इस पूरे मामले में
पुलिस अधीक्षक बीपी राजभानु, डीएफओ अमिताभ बाजपेई, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
मनीषाठाकुर का विशेष मार्गदर्शन रहा। पुलिस विभाग की ओर से डीएसपी नीतीश
ठाकुर थाना प्रभारी विनय पम्मार, आरक्षक सालिक पात्रे, की अहम भूमिका रही। डीएसपी नीतीश ठाकुर ने बताया कि तीनों
चैनसिंह मरकाम55 वर्ष , रंजीत मरकाम26 वर्ष और संजीत मरकाम 34 वर्ष के खिलाफ वन अधिनियम की धारा प,
49बी/51-1,1 (क ),आईपीसी की धारा 429,34, 201 के तहत गिरफ्तार कर आगे की कार्यवाही की
जा रही है।
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