आरती गुप्ता
नगरी।धमतरी
जिले के वनांचल इलाके में 12वीं पास युवतियां इन दिनों शिक्षा का अलख
जलाकर मिसाल पेश कर रही है.ये युवतियां छोटे छोटे बच्चों को अपने घर या
कलामंचों सहित सामुदायिक भवनों में इकटठा कर पढ़ा रही है और ये पढ़ाई पैसे के
लिए नही बल्कि निशुल्क कराई जा रही है युवतियों के इस पहल की अब ग्रामीण
तारीफ करते नही थक रहे है।
दरअसल
कोरोना महामारी के बीच स्कूल और खेल संस्थान बंद है सरकार ने यह फैसला
बच्चों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने और वायरस को फैलने से रोकने के
लिए किया है.ऐसे में धमतरी जिले के बेलरगांव में युवतियां शिक्षा की अलख
जगा रही है वो बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्वेच्छा से
खुले में पढ़ा रहे है। ये युवतियां उन बच्चों को पढ़ा रहे है जो गरीब किसान
परिवार से है।लाॅकडाउन
की घोषणा के बाद से ही 12वीं की पढ़ाई कर चुकी ये युवतियां पूरी तरह से खाली
थे.दिनभर घर में समय बीत रहा था.ऐसे में इन युवतियों ने खाली समय का
सदुपयोग की ठान ली और आसपास के बच्चों को इकटठा कर उन्हे पढ़ाना शुरू कर
दिया.वही बच्चे भी मन लगाकर पढ़ाई करने लगे.युवतियां पढ़ाई के साथ साथ
मनोरंजक ज्ञान भी दे रहे है जिससे बच्चे काफी खुश है.
इन
युवतियों का कहना है कि लाॅक डाउन के बाद से ही वे रोजाना 1 घंटे का समय
बच्चों को दे रही है और उन्हे पढ़ा भी रहे है ताकि बच्चों का भविष्य बेहत्तर
हो सके.वही इससे उनका अनुभव भी बढ़ रही है.ग्रामीणों का कहना है कि
युवतियों का यह प्रयास बेहद ही काबिले तारीफ है इनके इस प्रयास से बच्चों
का ज्ञान बढे़गा।बहरहाल 12 वीं पास कर चुकी युवतियों की यह पहल न सिर्फ प्रशंसा के काबिल है बल्कि शिक्षा के क्षेत्र अभिनय प्रयास माना जा सकता है.
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