इसी तरह विकासखण्ड धमतरी में 1062 हितग्राहियों के द्वारा 3764 क्ंिवटल गोबर बेचा गया, जिसके एवज में उनके खातों में 7.53 लाख रूपए जारी किए गए। मगरलोड के 622 हितग्राहियों के द्वारा बेचे गए 1437 क्विंटल गोबर के लिए उनके खातों में 2.87 लाख रूपए जमा हुए। इसी तरह नगरी विकासखण्ड के 613 हितग्राहियों के 982 क्विंटल मात्रा के विरूद्ध 1.97 लाख रूपए उनके खातों में जमा किए गए। नोडल अधिकारी ने बताया कि यह राशि दो अगस्त से 15 अगस्त के बीच बेचे गए गोबर के विरूद्ध जारी की गई है।
जिले के 27824 तेंदूपत्ता संग्राहकों के खातों में जमा हुए 5.44 करोड़ रूपए
वन मण्डलाधिकारी
अमिताभ बाजपेयी ने बताया कि संग्रहण वर्ष 2018 में जिले की 26 समितियों
में कुल 28394.805 मानक बोर का संग्रहण हुआ था, जिसके विरूद्ध 5.44 करोड़
रूपए की राशि का अंतरण किया गया। उन्होंने बताया कि सर्वाधिक राशि प्राप्त
करने वालों में ग्राम जबर्रा की समिति के चारगांव निवासी कोमल नारायण
गोंड़ को 29 हजार 672 रूपए, इसी समिति के ग्राम मटियाबाहरा निवासी
राधेश्याम गोंड़ को 26 हजार 648 रूपए तथा दुगली समिति के ग्राम दिनकरपुर की
संग्राहक धनई बाई के खाते में 19 हजार 103 रूपए जमा किए जा चुके
हैं। डीएफओ ने बताया कि जिले में 26 समितियों के माध्यम से तेंदूपत्ता का
संग्रहण किया जाता है जिसमें अछोटा, मोंगरागहन, छुही, चनागांव, बरबांधा,
मोहंदी, पठार, बिरझुली, खड़मा, सिंगपुर, मारागांव, डोकाल, दुगली, जबर्रा,
नगरी, अमाली, राजपुर, निर्राबेड़ा, तुमरीबहार, गेदरा, गट्टासिल्ली, घोटगांव,
सेमरा, रतावा, बेलरगांव तथा बोरई समिति शामिल हैं। कलेक्टोरेट के स्वान कक्ष में डीएफओ सहित समिति के
संचालक मण्डल के अध्यक्ष अकबर कश्यप, उपाध्यक्ष नेमिन बाई तथा संघ
प्रतिनिधि श्री सोमनाथ सोम एवं उप प्रबंध संचालक एफआर कोसरिया उपस्थित
थे।
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