संबंधियों से बात करने के लिए जाना पड़ता है पड़ोसी गांव
नगरी ।बेलरगांव एवं अंदरुनी गांवो में लगाए गए मोबाइल टावर का रेंज कम होने से कुछ गांवों तक ही नेटवर्क रहता है। गांवों में नेटवर्क की समस्या होने से ग्रामीणो को परेशानी हो रही है। कोई जरूरी फोन लगाना होता है तो उन्हें नेटवर्क मिलने वाले गांवो तक आना पड़ता है।आपातकालीन स्थिति में जब फोन लगाना हो तो परेशानी होती हैं।क्षेत्र में बीएसएनएल व एक निजी कंपनी द्वारा टावर लगाया गया है।
बीएसएनएल द्वारा क्षेत्र में अब भी 2 जी सेवा मिलने से ग्रामीणो का रूझान निजी कंपनी की ओर बढ़ रहा है।इसके बाद भी निजी कंपनी द्वारा अपने टावर का रेंज कम रखा गया है। जिसके चलते अन्य गांव के लोगों को सुविधा नही मिल पा रही है।सर्वप्रथम बीएसएनएल नेटवर्क की संचार क्रांति से क्षेत्रवासी जुड़े थे। लेकिन इस बीएसएनएल टावर की रेंज कम होने से लोगों में नाराजगी थी । जब निजी कंपनी का टावर बेलरगांव में लगाया गया तो उन्हें आस बंधी की अब सभी गांवो में अच्छा नेटवर्क मिलेगा लेकिन कंपनी द्वारा जब सेवा शुरू की गई तो उन्होनें भी कम रेज रखा ।
कंपनी द्वारा 2 कि.मी में ही नेटवर्क की सुविधा दी जा रही है।जिससे बढ़ाने की मांग ग्रामीण कर रहे है।रेंज बढा़ए जाने से नवागांव, कसपुर, कटटीगांव, मारयामारी,सिघनपुर, गढडोगरी, पावदार, भुरर्सीडोगरी, आमगांव, बरबांधा सहित कई गांव के लोगों को समस्याओं से निजात मिल सकेगी।
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