राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर सफलता पूर्वक लाने के लिए विभिन्न पहलुओं के अमलीकरण में शासकीय और निजी विश्वविद्यालय मार्ग दर्शक की भूमिका में आगे आयें। विश्वविद्यालय रोजगार परक शिक्षा का स्वरुप, पाठ्यक्रम निर्माण, शोधों को प्रयोग शाला से व्यवहारिकता की जमीन पर लाने, शैक्षणिक गुणवत्ता, प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की शिक्षा पद्धति, इटर्नशिप, क्रेडिट स्कोर, शिक्षक प्रशिक्षण जैसे विभिन्न पहलुओं पर विषयवार समूह बनाकर चिंतन मनन करें। राज्यपाल राजभवन में शासकीय विश्वविद्यालयों की अकादमिक गतिविधियों की समीक्षा के दौरान विडियों कांफ्रेस में कुलपतियों को संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर उच्चशिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बरकतउल्ला एवं देवी अहिल्या शासकीय विश्व विद्यालयों के कुलपति मौजूद थे।
राज्यपाल पटेल ने क्षेत्र ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के पहले 5 वर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह नीति की सफलता का आधार है। इसमें भी आंगनवाड़ी के पहले 3 वर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण है। आंगनवाड़ी में शिशु के लालन-पालन की पद्धति और प्रणाली कैसी हो कि बच्चे सुनकर, खिलौने से खेल कर सीख सकें। अनुशासन, सम्मान, स्वच्छता, करुणा, सेवा, स्नेह और भातृत्व के संस्कार उनमें बस जाए। इसी तरह प्राथमिक शिक्षा में कहानी, प्रसंग, विषयों का निर्धारण और शिक्षक प्रशिक्षण की व्यवस्थाओं के विकास में दिशा दर्शन जरुरी है। माध्यमिक स्तर पर इटर्नशिप जैसी व्यवस्था किस तरह क्रियान्वित की जाये। उसका स्वरूप कैसे निर्धारित किया जाए।ऐसे अनेक आयामों पर विचार विमर्श सफल क्रियान्वयन के लिए जरुरी है। क्रियान्वयन की रुपरेखा पर व्यापक स्तर पर विश्वविद्यालय परिसंवाद करें। जहॉं भी जो भी अच्छा है, उसे प्राप्त कर एकीकृत करें। क्रियान्वयन पथ को आलोकित करें।
श्रीमती पटेल ने कहा कि उच्चशिक्षा के क्षेत्र में नवाचारी सोच की रीति नीति के साथ कार्य किया जाए। प्रत्येक विश्वविद्यालय उसकी विशेषज्ञता के आधार पर नीति के आयामों को चिन्हित करें। क्रियान्वयन कार्य का स्वरूप और खाका तैयार करें। औद्योगिक क्षेत्रों के विश्वविद्यालय रोजगार परक शिक्षा के शिक्षण-प्रशिक्षण संबंधी आवश्यकताओं का सर्वेक्षण और अनुसंधान कर पाठ्यक्रमों का चयन और निर्माण करें। इसी तरह अन्य विश्वविद्यालय भी विशेषज्ञता क्षेत्र का निर्धारण कर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के हर पहलू और आयाम के सफल क्रियान्वयन की कार्य योजना बनाएं। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर वेबिनार की श्रंखला चलाए जाने की जरूरत बताई। शिक्षकों को एक वर्ष में ऑनलाइन पाठ्यक्रम स्वयं का कोई एक कोर्स करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वरोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रतिभागियों को स्वरोजगार स्थापना में वित्तीय संस्थानों के साथ समन्वय करवाने में सहयोग के लिए कहा। सभी कुलपतियों को नैक ग्रेडिंग के लिए अनिवार्यत: आवेदन के निर्देश दिए। श्रीमती पटेल ने विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गए ग्रामों में प्रधानमंत्री के जन्म दिवस पर स्वच्छता कार्यक्रम और टी बी रोगी बच्चों के पोषण का दायित्व लेने तथा सभी विश्वविद्यालयों में 100 पौधों के रोपण की पहल के लिए कहा।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव उच्चशिक्षा अनुपम राजन द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए आगामी 3 वर्षों की कार्य योजना का प्रस्तुतिकरण भी किया गया। आभार प्रदर्शन राज्यपाल के प्रमुख सचिव डी.पी. आहूजा ने किया।
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