विद्यार्थियों से सिर्फ ट्यूशन फीस लें स्कूल प्रबंधन- डीईओ



मनमानी फीस वसूली की शिकायत पर हो सकती है कड़ी कार्रवाई

धमतरी 02 सितंबर 2020।नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण से उत्पन्न आपात स्थिति को दृष्टिगत करते हुए कलेक्टर द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में प्रदत्त शक्ति के तहत गत एक जून 2020 को स्कूल फीस में वृद्धि नहीं करने तथा शुल्क के बकाया के आधार पर किसी विद्यार्थी को स्कूल से वंचित नहीं किए जाने अथवा तत्संबंध में दबाव नहीं बनाए जाने के संबंध में आदेश जारी किया गया था। साथ ही उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा भी स्कूलों में केवल ट्यूशन फीस लेने एवं इसमें वृद्धि या संशोधन नहीं करने के संबंध में निर्देश जारी किया गया था।

जिला शिक्षा अधिकारी रजनी नेल्सन ने बताया कि उक्त आदेशों के बाद भी निजी विद्यालयों के द्वारा पालकों पर फीस के संबंध में दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने सभी अशासकीय शिक्षण संस्थानों के प्रबंधकों, प्राचार्यों को अंतिम बार निर्देशित किया है कि उनके द्वारा मनमानी फीस वसूली किए जाने के संबंध में यदि कोई शिकायत प्राप्त होती है तो उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए मान्यता समाप्त करने के लिए प्रस्ताव किया जाएगा, जिसके लिए स्कूल प्रबंधन स्वयं जिम्मेदार होंगे।
इस संबंध में निजी विद्यालय कल्याण संघ के अध्यक्ष सुबोध राठी ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश अनुसार हमें शिक्षण शुल्क लेने का अधिकार है और वह संघ से संबद्ध सभी विद्यालय ले रहे हैं। यदि कोई स्कूल गलत तरीके से फीस ले रहा है तो उस पर कार्यवाही की जा सकती है ।लेकिन बार-बार सभी स्कूलों को इंगित करते हुए इस प्रकार का वक्तव्य जारी करना उचित नहीं है। इससे निजी विद्यालयों की छवि खराब होती है। सरकार शासकीय विद्यालयों को पाठ्य पुस्तक उपलब्ध करा रही है लेकिन निजी विद्यालयों को अब तक नहीं उपलब्ध कराया है और न ही पुराना बकाया आरटीई का पैसा उन्हें प्राप्त हुआ है ।बार-बार सभी विद्यालयों को लेकर इस प्रकार का वक्तव्य जारी करना उचित नही है।

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