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धमतरी। जिले के पैतृक व्यवसाय से जुड़े कुम्हार परिवारों का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गणेश चतुर्थी के लिए पहले गोबर से निर्मित गणेश जी की मूर्ति बनाया गया, जिससे मिट्टी से निर्मित गणेश की प्रतिमा बनाने वाले कुम्हारों को काफी नुकसान उठाना पड़ा।अब दिवाली पर्व समीप है जिसके लिए शासन द्वारा गोबर के दीये बनवाए जा रहे हैं और उसे शासन स्तर पर प्रचार प्रसार एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है।कुम्हार परिवार पहले चाइनीस दियो से परेशान थे, अब गोबर के दिए बनने से रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।जिले के लगभग सभी कुम्हार परिवार केवल अपनी पैतृक व्यवसाय पर आश्रित है।वे मिट्टी के बर्तन बनाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं ।
आज के परिवेश में जब से स्टील एलमुनियम के बर्तन बनने शुरू हुए हैं , तब से कुम्हारों का पैतृक व्यवसाय विलुप्ती के कगार पर पहुंच गया है ।केवल सीजन के सामग्री नाममात्र के लिए उपयोग हेतु विक्रय होता है ।उसे भी छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गोबर के दिए बनाकर छीना जा रहा है ।वैश्विक महामारी कोरोना कॉल के कारण वैसे ही साल भर का सीजन निकल गया ।केवल यह दीवाली पर्व ही बचा है । छत्तीसगढ़ कुंभकार समाज , जिला - धमतरी ने छत्तीसगढ़ सरकार से निवेदन किया है कि गोबर से निर्मित दीयों की अपेक्षा कुम्हारों के पैतृक व्यवसाय को प्रोत्साहित करें ।प्रदेश के कुम्हारों द्वारा निर्मित मिट्टी के कलश , दीया , हुमाही कैलोरी , मां लक्ष्मी जी की मूर्ति इत्यादि के विक्रय हेतु उचित बाजार की व्यवस्था करें एवं शासकीय कर्मचारियों , शासकीय कार्यालयों , शासकीय भवनों मैं मिट्टी के दीये उपयोग करने हेतु आदेशित करें, ताकि प्रदेश के कुम्हार समुदाय भी अपना गुजर बसर कर सके
मांग करने वालों में द्विज राम कुंभकार जिला अध्यक्ष , गगन कुंभकार जिला उपाध्यक्ष,खिलेश कुंभकार जिला प्रतिनिधि, धनेश कुंभकार केंद्र प्रधान,उमेश प्रसाद पांडे सचिव,मुरली कुंभकार पूर्व जिला अध्यक्ष ,रामस्वरूप कुंभकार , कमल कुंभकार , दाऊ लाल कुंभकार , जोहन कुंभकार , बालकृष्ण कुंभकार , शिव कुंभकार , देव कुमार कुंभकार , विनोद कुंभकार , हेमंत कुंभकार , शंकर लाल कुंभकार आदि हैं।
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