चिकित्सक डॉ रोशन और डॉ रश्मि उपाध्याय के पुत्र हैं प्रांजल
प्रांजल अपने परिवार के साथ |
भूपेंद्र साहू
धमतरी। नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में धमतरी के प्रांजल उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ में टॉप और ऑल इंडिया में 90 रैंक लाकर शहर और छत्तीसगढ़ में अपना परचम लहराया है। प्रांजल को 720 में से 700 अंक प्राप्त हुए ।लॉकडाउन के दौरान मिले 5 माह में उन्होंने ऐसी तैयारी की कि छत्तीसगढ़ में टॉप कर गए। प्रांजल के पिता डॉ रोशन उपाध्याय और मां डॉ रश्मि उपाध्याय धमतरी में नर्सिंग होम का संचालन करते हैं ।प्रांजल की शिक्षा दीक्षा धमतरी में ही हुई है। 11वीं के बाद वह भिलाई में पढ़ने के लिए चल दिए थे। शुरू से ही प्रतिभावान रहे प्रांजल अपने लक्ष्य पर ही ध्यान दिए और आज यह मुकाम हासिल किया। उनकी मंशा दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने की है । परिणाम आने के बाद बधाई देने का सिलसिला लगातार जारी है।
लॉकडाउन के समय का किया भरपूर उपयोग
छत्तीसगढ़ में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद उपाध्याय परिवार खुशी से फूले नहीं समा रहा है ।प्रांजल उपाध्याय को सभी तरफ से बधाइयां मिल रही है ।इस बीच समय निकालकर उन्होंने MTI News से बात करते हुए अपनी सफलता का राज बताया ।उन्होंने कहा कि वह 11वीं से ही नीट की तैयारी में लग गए थे। स्कूल उसके बाद कोचिंग फिर घर आकर लगभग 4 घंटे की पढ़ाई करते थे। 11वीं 12वीं उत्तीर्ण होने के बाद कोरोना संक्रमण में लॉक डाउन लग गया। इस दौरान उन्हें पढ़ाई करने का भरपूर मौका मिला ।पूर्व में अपेक्स क्लासेस और आईआईटी जोन से कोचिंग ली थी ।यहीं से ही लगातार मार्गदर्शन लेते रहे ।यहां के शिक्षक और उनकी स्टडी मैटेरियल का भरपूर उपयोग किया। लॉक डाउन के दौरान लगभग 6 से 7 घंटे की रोजाना पढ़ाई करते रहे।
लक्ष्य पर ध्यान दिया माता-पिता का मिला भरपूर सहयोग
उन्होंने बताया कि माता-पिता का भरपूर सहयोग मिला। छुट्टियों में दोनों उनके पास आ जाते थे ।खासकर मम्मी का सहयोग ज्यादा मिला। विद्यार्थी के जीवन में मानसिक सपोर्ट की अत्यंत आवश्यकता होती है जो उनके माता-पिता ने पूरी की ।भिलाई में नानी के साथ रहते हैं। वे छत्तीसगढ़ में टॉप करेंगे ऐसी उम्मीद नहीं थी, बस पिता के बताए मार्गदर्शन पर चलते हुए उनके सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करते रहे ।उन्होंने अपना रोल मॉडल कोचिंग के सीनियर और पास किए हुए छात्रों को बताया। उनसे भी लगातार फोन पर बात करते रहते थे, मार्गदर्शन प्राप्त करते रहते थे। प्रांजल ने बताया कि उनकी मंशा दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने की है ।पीजी करने के लिए अभी नहीं सोचा है ।वर्तमान समय के विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा कि अभी कोरोना के कारण समय का उपयोग करना चाहिए ।नियमित रूप से ऑनलाइन क्लासेस में बताएं चीजों का उपयोग कर self-study पर ध्यान देना चाहिए विद्यार्थी के जीवन में माता-पिता का सहयोग काफी महत्वपूर्ण रहता है। हर विद्यार्थी को अपने टारगेट पर ध्यान देना चाहिए कि आखिर वह क्या करना चाहता है और क्यों करना चाहता है ।विद्यार्थी के मन में यदि किसी भी प्रकार की मानसिक समस्या है तो उसे छुपाना नहीं चाहिए उसे अपने परिवार जनों के साथ शेयर करनी चाहिए।
धमतरी वासियों का आभार
इस संबंध में डॉ रोशन उपाध्याय ने बताया कि उनका पुत्र का जन्म धमतरी में ही हुआ शिक्षा दीक्षा के बाद 11वीं 12वीं के लिए भिलाई शिफ्ट हो गया। अभिभावक होने के नाते उन्हें गौरव महसूस हो रहा है कि आज उनका पुत्र छत्तीसगढ़ में प्रथम स्थान प्राप्त किया ।धमतरी में ही उनकी नींव रखी गई उन्होंने धमतरी के सभी शुभचिंतकों के प्रति आभार व्यक्त किया है।
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