कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक लेकर बच्चों को कुपोषण से बाहर लाने के दिए टिप्स

 


बच्चों के खानपान में पौष्टिक भोजन शामिल करने अपने स्तर पर प्रयास करने पर्यवेक्षकों को दिए निर्देश


 

धमतरी 26 नवंबर 2020। कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने  महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक लेकर नौनिहालों को कुपोषण से बाहर लाने तथा उनके खानपान में पौष्टिक भोजन को शामिल करने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करने के निर्देश आंगनबाड़ी पर्यवेक्षकों को दिए। साथ ही पूरी सक्रियता के साथ जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए निर्देशित किया। साथ ही कुपोषण को लेकर पालकों को जागरूक करने के भी निर्देश दिए।


कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने कहा कि बच्चों को कुपोषण से बाहर लाने पर सबसे ज्यादा फोकस करें और इसके लिए उनके खानपान की आदत में आमूलचूल सुधार लाने की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आमतौर पर परोसे जाने वाले भोजन की थाली में चावल और थोड़ी सी सब्जी के अलावा कोई पौष्टिक तत्व नहीं होता, जबकि बाड़ियों में ही कई ऐसी सब्जियां उगाई जाती हैं। यदि उनके भोजन में थोड़ी सी तब्दीली लाई जाए, तो उन्हें भी आवश्यक प्रोटीन, विटामिन्स और मिनेरल्स उपलब्ध हो सकते हैं। यह तभी सम्भव है जब खानपान को लेकर उनमें जागरूकता आए और आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, कार्यकर्ता थोड़े प्रयास से इसके लिए अपनी सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं। कलेक्टर ने आगे कहा कि कोरोना संकट के चलते आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को सिर्फ नाश्ता व भोजन के समय ही बुलवाएं, जिससे वे भीड़ की स्थिति निर्मित न हो। वहीं सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण वाले बच्चों की तत्काल जांच कराएं। इसी तरह गर्भवती महिलाओं को प्रदाय किए जाने वाले गर्म भोजन का वितरण पुनः सुनिश्चित करने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिए।

 


उन्होंने कहा कि महिलाओं को गर्म भोजन कराने के लिए विकल्प दें कि यदि वे चाहें तो केन्द्र में ही खाएं या फिर भोजन को अपने घर ले जाकर खाएं। इसके अलावा कलेक्टर ने ए.एन.सी. जांच, बच्चों को शत-प्रतिशत टीके लगवाने तथा कार्यकर्ताओं व अन्य अमलों को मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करने, सामाजिक दूरी का पालन करने के निर्देश दिए। इसी तरह कलेक्टर ने कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराने के लिए माता-पिता को समझाइश देने तथा प्रेरित करने के लिए निर्देशित किया।


इसके पहले, जिला कार्यक्रम अधिकारी  एम.डी. नायक ने बताया कि अक्टूबर माहांत की स्थिति में जिले में 1102 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं जहां 10 हजार 351 बच्चे दर्ज हैं। इनमें से 9451 बच्चे सामान्य, 748 मध्यम कुपोषित तथा 152 बच्चे गम्भीर कुपोषित हैं। इस तरह वर्तमान में जिले में कुपोषण का प्रतिशत 8.69 है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत जिले में पिछले एक साल में 5.84 प्रतिशत कुपोषण की कमी आई है। इसी प्रकार प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत 18 हजार 132 पात्र हितग्राहियों का चयन किया गया है, जिन्हें तीन किश्तों में राशि प्रदान की जा रही है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ महिला कोष, नोनी सुरक्षा योजना सहित विभिन्न विभागीय योजनाओं की जानकारी दी।

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