कोरोना काल में तीन लाख मास्क का निर्माण
पाटसिवनी के प्रतिज्ञा ग्राम संगठन को मिल चुका है राष्ट्रीय पुरस्कार
गरियाबंद । जिले की महिलाएं घर की चार दीवारी से निकलकर आजीविका और रोजगार में गांव से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक परचम लहरा रही हैं। एक समय था जब महिलाएं परम्परा रीति-रिवाज के कारण घर तक ही सीमित रहती थी, परन्तु महिला सशक्तिकरण के दौर में पुरूषों के एकाधिकार और वर्चस्व वाले क्षेत्रों में भी महिलाएं आत्म विश्वास से आगे बढ़ रही है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिला पंचायत के माध्यम से क्रियान्वित किये जा रहे बिहान आज महिलाओं के सशक्तिकरण का परिचायक है।
जिले में विगत दो वषों में 611 स्व सहायता समूह का निर्माण किया गया जिसमें 6415 परिवारों को समूह से जोडा गया । इसमें विशेष पिछडी जनजाति कमार परिवार के कुल सदस्य 3782 परिवारों को जोडा गया। छुरा ब्लाक के ग्राम पंचायत पाटसिवनी के प्रतिज्ञा महिला ग्राम संगठन को 2019-20 में राष्ट्रीय पुरूस्कार से नवाजा गया।
जिले में विगत दो वर्षो में कुल 3921 समूहो को बैंक लिंकेज के तहत 58.49 करोड की राशि का ऋण प्रदाय कराया गया। महिलाएं कृषि क्षेत्र में भी नवाचार कर समुदाय आधारित संवहनीय कृषि परियोजना से जुड़ी है। जिले में कुल 17923 महिला किसान परिवारों को जोडकर लभान्वित किया गया व महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के तहत कुल 11455 महिला किसानों को जोडकर योजना का लाभ दिलाया गया। साथ ही गैर कृषि आधारित रोजगार मूलक आजीविका गतिविधयों के तहत 5007 समूह सदस्यों को समूह के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराकर जोडा गया एवं स्टार्टअप विलेज एंटरप्रियोसिप योजना के तहत दो वषों में 805 लघु उद्यमियो को लाभान्वित किया गया। बैक पहुंच विहिन ग्रामों तक ग्रामीण लोगों को राशि की सुलभ पहुंच हेतु ’’बिहान’’ की महिलाएं ने उल्लेखनीय कार्य किये है। महिलाओं को बैंक ट्रांक्जेशन का प्रशिक्षण देकर जरूरतमंदों को घर तक सेवा पहुंचायी गई। वनोपजों के संग्रहण में भी महिलाएं संगठित होकर वृहद मात्रा में वनोपज संग्रहण किया, फलस्वरूप 379 समूहों के 1327 सदस्यों के माध्यम से 2507.49 किवंटल वनोपज, कुल राशि 71,25,189.80 रूपये का व्यवसाय किया जा चुका है। जिसमें महुआ फल, इमली, लाख कुसुम लाख, रंगीनी लाख, पुवाड़बीज चरौदा बीज, कालमेघ, हर्रा, बहेड़ा, नागरमोथा, धवई फूल, माहुल पŸाा, भेलवा जैसे विभिन्न वनोपज का संग्रहण एवं विक्रय किया है। महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति सजगता के लिए बिहान समूह की ग्राम कोपरा में ग्राम संगठन द्वारा सेनेटरी पैड का रीपैकेजिंग कर लगातार विक्रय किया गया । लाॅक डाउन में 2 लाख से अधिक राशि के सेनेटरी पैड का विक्रय उनके द्वारा किया गया।महिलाओं के कार्य क्षमता, उत्साह और कुशलता को ध्यान में रखकर आदर्श गौठानों में गतिविधियों की जिम्मेदारी भी दी गई। जिले के 162 समूहों के 1397 सदस्य गौठानों में कार्य कर रहे है, वर्तमान में लाॅक डाउन के समय में समूहों द्वारा विभिन्न गतिविधियाॅं संचालित की गई। जिसमें सबसे प्रमुख वर्मी खाद, नाॅडेप खाद, दीप निर्माण एवं गोबर धूप बŸाी निर्माण का निर्माण प्रमुख है। समूह की दीदीयों द्वारा गोधन न्याय योजना अंतर्गत 141.80 क्विंटल वर्मी खाद्य राशि रुपये 1,12,800 रुपये एवं 197 क्विंटल नाडेप खाद्य राशि रुपये 23,300 का निर्माण किया गया है। निर्मित खाद को कृषि उद्यानिकी विभाग व अन्य विभागों में विक्रय किया जा रहा है। कोरोना काल मे भी महिलाओं का साहस नहीं डिगा, बल्कि कोरोना वारियर्स के रुप में समूह की दीदीयों द्वारा वृहद स्तर पर मास्क निर्माण किया गया। आज तक 181 समूहों के 403 सदस्यों द्वारा 3,31,400 मास्क निर्माण किया गया जिसमें से 3,18,620 मास्क राशि 35,84,840 के विक्रय किये गयें। साथ ही कोरोना ड्यूटी में स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुऱक्षा हेतु 1000 मेडिसिन गाउन का निर्माण कर मेकाहारा, रायपुर को प्रदाय किया गया।
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