धमतरी।कहते है भारत देश की आत्मा गांवों में बसती है और ग्रामीण क्षेत्र सीधे तौर पर कृषि से जुड़े है। किसान को देश का अन्नदाता कहा जाता है, किसान के पास वो हुनर है। वह दुनिया में शायद ही किसी के पास होगा। किसान जानता है कि उनके पास लाखों की संख्या में पौधे है, लेकिन मजाल है किसी पौधे को कम और किसी पौधे ज्यादा खाद की पानी की और दवाई की मात्रा मिल जाए।
किसान अपना हर एक पौधे एक समान पानी और पोषक तत्व देता है, एक शब्दों में कहे किसान समदर्शी है, लेकिन आज किसानों की व्यथा किसी से छुपी नहीं है। केंद्र के कृषि कानूनों का लगातार विरोध किया जा रहा है। सरकार का ऐसा कानून जिसे किसानों के लिए बनाया गया है, लेकिन किसान ही उस कानून का विरोध कर रहा है।
आज किसान दिवस के अवसर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आत्मानुभूति तपोवन साकरा धमतरी सेवा केंद्र में किसान संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कांती सोनवानी अध्यक्ष जिला पंचायत धमतरी, विशिष्ट अतिथि शारदा देवी साहू अध्यक्ष जनपद पंचायत कुरूद, लीलाराम साहू प्रदेश संयोजक किसान यूनियन रायपुर,घनाराम साहू जिलाध्यक्ष किसान यूनियन ,जिला पंचायत सदस्य एवं सभापति कृषि विभाग तारिणी चंद्राकर,पूर्व जिपं सदस्य नीलम चंद्राकर उपस्थित थे।
अतिथियों के स्वागत के बाद जो किसान जैविक के साथ यौगिक खेती अर्थात मेडिटेशन के माध्यम से सकारात्मक प्रकम्पन्न प्रतिदिन स्थिति में फैलाते हैं उन किसानों का सम्मान किया गया। नवनीता बहन ने बताया कि वर्तमान कृषि पद्धति को बदलने की आवश्यकता है, हमें फिर से परंपरागत कृषि पद्धति को अपनाने और विश्व मुक्त खेती कर शादी करने उगाने की आवश्यकता है तभी हमारे अन्नदाता किसान भाई बहन सुखी और संपन्न हो सकते हैं। सरिता बहन ने संदेश दिया कि किसान सचमुच भारत देश की शान है रीढ़ की हड्डी है भारत कृषि और ऋषि परंपरा का देश है। यहां की 70% आबादी कृषि पर निर्भर है तो हम सब को सच्चे दिल से अदाओं का सम्मान करना चाहिए। इस कार्यक्रम का संचालन ब्रह्म कुमार देवराज ने किया।
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