नगरी।क्षेत्र के वनांचलों मे स्वास्थ्य सुविधाओ का बुरा हाल है। बीहडो मे बसे आदिवासियो को आज मामूली सी बिमारियो के लिए प्रायवेट हास्पिटल का सहारा लेना पड रहा है ।
शासन प्रशासन द्वारा वनाचल मे बसे वनवासियो के समुचित स्वास्थ्य सेवाये की बाते कही जाती है जो सिर्फ फाईलो तक ही सिमट कर रह जाती है वनाचल के गावो मे आज हकीकत कुछ और ही है। सिहावा विधानसभा क्षेत्र के नगरी ब्लाक के अंतर्गत टायगर रिजर्व फॉरेस्ट मे बसे ग्राम रिसगाव ,आमाबहार, जोरातरई, करही, गादुलबहारा, मासूलकोई, चमेदा, मादागिरी, करखा, जोरातरई, खल्लारी, जोगीबिरदो, गाताबहारा साल्हेभाट, आमझर, मुहकोट, जैसे दर्जनो ग्राम है जहाँ स्वास्थ्य विभाग द्वारा वहा बसे ग्रामीणो के लिये रिसगाव व खल्लारी मे उप स्वास्थ्य केन्द्र तो खोल दिया गया मगर वहां समुचित दवाई व डाक्टर की व्यस्था नही किया गया। जिसके चलते यहा बसे ग्रामीणो को इलाज के लिये 40 से 50 किमी दूरी तय कर ब्लाक मुख्यालय आना पडता है। जहा अधिकतर मरीज प्रायवेट हास्पिटल मे मोटी रकम खर्च कर ईलाज कराते है। करही ,रिसगाव, खल्लारी तीन ग्राम पंचायत की अबादी जनसंख्या करीब आठ हजार है।
रिसगाव मे प्रसव के लिये होती है परेशानी
क्षेत्र के प्रसिद्ध ग्राम रिसगाव सेन्टर मे मात्र एक आरएमए ही है जानकारी के अनुसार यहां एक एएनएम थी जो व्यवस्था के तौर पर यहाँ से चली गई।लगभग पाच वर्ष हो गया और तब से आज तक यहा कोई महिला कर्मचारी की नियुक्ति नही हुई। सूत्रो से जानकारी के अनुसार यहां से चली गयी उसकी पोस्टिंग यही रिसगाव बता रहा है जिसके चलते यहां नियुक्त नही हो पा रही है।
कई बार 102 व 108 की मांग कर चुके
वनाचल क्षेत्र होने व आवागमन का साधन नही होने के चलते यहां किसी की अचानक तबियत खराब होने पर वाहन की सुविधा नही मिल पाती। ग्राम रिसगाव से ब्लाक मुख्यालय की दूरी भी 50 किमी के लगभग है यही कारण है कि ग्रामीण यहां शासन से कई बार संजीवनी वाहन की मांग कर चुके है।
खंड चिकित्सा अधिकारी नगरी डॉ ठाकुर ने बताया कि खल्लारी रिसगांव करही क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं साकरा से दी जाती है। सप्ताह में एक बार टीम वहां पहुंचती है। रिसगांव में महिला कर्मचारी सहित अन्य समस्याओं के बारे में जिला स्तर पर अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
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