भूपेंद्र साहू
धमतरी साल का अंतिम समय, दिसंबर का महीना,ठंड का मौसम, छुट्टियों का दौर तो गंगरेल में भीड़ उमड़ना लाजमी है। साल के अंतिम रविवार 27 दिसंबर को दूर-दूर से सैलानी गंगरेल घूमने पहुंचे। सड़कें जाम की स्थिति में आ गई थी ।बांध क्षेत्र,अंगारमोती मंदिर, बोटिंग एरिया, मानव वन एडवेंचर सहित सभी जगह भीड़ ही नजर आई, जिसे दुरुस्त करने पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी।
धमतरी से 12 किलोमीटर दूर रविशंकर सागर जिसे गंगरेल बांध कहा जाता है, यह छत्तीसगढ़ में एक दर्शनीय स्थल है जहां लोग 12 महीने घूमने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन कुछ खास मौके ऐसे होते हैं जब भीड़ अधिक होती है। 15 अगस्त, 26 जनवरी, त्यौहार,छुट्टियों के मौके पर वहां पर अत्यधिक भीड़ बढ़ जाती है।
इस बार बारिश अच्छी होने वाली की वजह से बांध लबालब है। जिसे निहारना हर कोई चाहता है। साल के अंतिम रविवार में छुट्टी के दिन में न सिर्फ धमतरी बल्कि अन्य जिलों से भी लोग दोपहिया,चार पहिया वाहन, बसों में पहुंचे।दूर-दूर तक सिर्फ गाड़ियां और भीड़ ही दिखाई दे रही थी।
सबसे ज्यादा भीड़ बोटिंग एरिया में दिखाई दी जहां पर लोग समुद्र का एहसास कर बांध के किनारे रेत में मस्ती करते हुए नजर आए। कोरोना कॉल के दौर में इतनी भीड़ की उम्मीद नहीं की गई थी। शायद लोग कई महीनों से कोरोना की वजह से बाहर नहीं निकले हुए थे और अब वे साल के अंतिम समय को खोना नहीं चाहते हैं। इस वजह से पूरी मस्ती में लोग दिखाई दिए।
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