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फ़ाइल फ़ोटो |
नगरी। दो दिन से हाथियों का दल संबलपुर के जंगल मे आराम कर रहा है रविवार और सोमवार की रात में भी इन्होंने चहलकदमी नही की, अंदर कुछ जगहों पर इनके चिंघाड़ने की केवल आवाज ही सुनाई दी है।
गजदल अब भी ब्लॉक मुख्यालय के बिल्कुल नजदीक है नाजुक हालातो को देख बड़े अधिकारी भी क्षेत्र के दौरे पर थे मुआयना कर आवश्यक निर्देश दिए है जिसे धरातल पर अमल में लाया जा रहा है।
सोमवार की रात और मंगलवार को शाम तक कही भी हाथियों की आहट नही सुनाई दी लेकिन विभाग अलर्ट है संदिग्ध इलाको में रोस्टर के अनुसार रात-दिन वनकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है प्रशिक्षु आईएफएस आलोक बाजपाई भी लगातार मुआयना कर रहे है जिससे क्षेत्र के लोगो की दहशत कम हुई है।
क्षेत्र में घुसते ही हाथियों ने लगातार हुड़दंग मचाया रोज रात में गोरेगांव, अमाली, संबलपुर, छिपली और नगरी के नगरानाला तक पहुचे थे फिर सुबह होते-होते वापस हो जाते ऐसी घटना तीन दिनों तक लगातार होती रही शाम होते ही दल रहवासी इलाको में घुसने का प्रयास करता,कहीं कहीं घुस कर नुकसान भी पहुचाया है। जानकारी के मुताबिक हाथियों के दल में दस से ग्यारह बड़े छोटे बच्चे शामिल है, कायास ये लगाया जा रहा है कि अधिक दूरी तय करने पर बच्चे थक चुके होंगे शायद इसलिए हांथी चुप बैठे है हाथियों को भी अपने बच्चो से खूब लगाव होता है जब चलते है तब भी बच्चों को झुंड के बीचों बीच रखते है बच्चे थक गए होंगे शायद एक वजह यह भी हो सकती है। मामला जो भी हो पर दो दिनों में ग्रामीण और विभागीय प्रहरीयों ने राहत की सांस ली है।
बड़े अधिकारी ने किया मुआयना-
सोमवार को डीएफओ सातोविशा सामाजदार ने संदिग्ध स्थान का दौरा किया नगर के नगरानाला स्थित केला बाड़ी पहुचकर बाड़ी मालक संतोष देवांगन से मुलाकात कर हाथी से बचाव करने आवश्यक निर्देश दिए। वही रात आठ बजे वाइल्डलाइफ पीसीसीएफ श्री पाण्डे संबलपुर पहुचे निरीक्षण कर जंगल मे लोगो को जाने और महुआ शराब पर प्रतिबंध का आदेश दिया जिसे अमल कर विभाग सरहद पर वनकर्मियों की ड्यूटी लगाई है ताकि लोग जंगल के अंदर घुस ना सके।
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