धमतरी।लखनऊ में आयोजित 9वीं राष्ट्रीय श्रवण व मूकबधिर एवं दृष्टिबाधित जुडो प्रतियोगिता में धमतरी जिला की सेवती ध्रुव को स्वर्ण पदक व रजनी जोशी को दृष्टिबाधित जुडो में द्वितीय स्थान रजत पदक मिला। श्रवण व मूकबधिर जुडो में तिलक सिन्हा ने तृतीय स्थान हासिल कर कांस्य पदक जीता व महिला वर्ग में शकुंतला ने तृतीय स्थान हासिल कर कांस्य पदक अपने नाम किया।
गत दिनों लखनऊ मे आयोजित इस प्रतियोगिता मे एक्जेक्ट फाउंडेशन संस्था रुद्री से देवश्री जोशी के अगुवाई मे 7 छात्र- छात्राएं सम्मिलित हुए, जिसमे से सेवती ध्रूव प्रथम स्थान गोल्ड मेडल, रजनी जोशी द्वितीय स्थान सिल्वर मेडल तथा तिलक सिन्हा व शकुंतला तृतीय स्थान ब्राउंस मेडल प्राप्त किये। सेवती ध्रुव को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के हाथो 'बेस्ट फाइटर' अवार्ड से सम्मानित किया गया।
महेश्वरी यादव, विजय कुलदीप, तोषन साहू, सेवती ध्रुव, रजनी जोशी, शकुंतला साहू, तिलक सिन्हा एक्ज़ेक्ट फाउंडेशन दिव्यांग आवासीय प्रशिक्षण केंद्र के विद्यार्थी है जो रुद्री धमतरी में संचालित है। इस संस्था के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों ने पहले भी राष्ट्रीय व राज्य स्तर प्रतियोगिताओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन देकर संस्था व प्रदेश का नाम रौशन किया है।
बेस्ट फाइटर अवार्ड से सम्मानित होने वाली सेवती ध्रुव शहीद कौशल यादव राज्य पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी है जिसे महिला वर्ग जूनियर में बेस्ट फाइटर अवार्ड राज्यपाल आनंदी बेन के करकमलों से मिला। सेवती ध्रुव ने अपनी सफलता का श्रेय एक्ज़ेक्ट फाउंडेशन के अध्यापिकाओं को दिया और कहा कि देवश्री मैडम के कारण हम लोग इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सके,अच्छे प्रदर्शन के लिए संस्था की लक्ष्मी सोनी, रूबी कूर्रे और शशि निर्मलकर हमें हमेशा प्रोत्साहित करती है और इनके कारण ही हम आज इस मुकाम पर पहुचे है।इनके द्वारा हमारे हुनर को पहचाना व तराशा गया है जिसके कारण हम इतना बेहतर प्रदर्शन कर पाते है। हमारी संस्था का मदद करने वाले सभी को मैं धन्यवाद देती हूं कि आपके सहयोग से हम जीवन मे कुछ हासिल कर पा रहे है।
उल्लेखनीय है कि दिव्यांगो के राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए शेख समीर प्रदेश सचिव पैरा जुडो के मार्गदर्शन में प्रदेश के दिव्यांग खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रौशन कर रहे है। एक्ज़ेक्ट फाउंडेशन की देवश्री जोशी छत्तीसगढ़ प्रदेश जुडो महिला टीम की कोच भी है, उन्होंने प्रतियोगिता से लौटकर खिलाड़ियों के प्रदर्शन व उपलब्धियों की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के दिव्यांग खिलाड़ियों ने एकबार फिर साबित कर दिया की राष्ट्रीय ही नही अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिताओं में सफलता अर्जित कर सकते है बशर्ते इन्हें मौका मिले व अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा व प्रशिक्षण प्राप्त हो।
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