इंदौर।होम्योपैथी चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिये प्रत्येक वर्ष 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व होम्योपैथी दिवस मनाने का उद्देश्य देश एवं विश्व में होम्योपैथी की दशा एवं दिशा, होम्योपैथी औषधियों की सुरक्षा, गुणवत्ता एवं प्रभावकारिता को मजबूत करना, उच्च स्तरीय गुणवत्तापरक चिकित्सा शिक्षा, अन्तरपद्धति और अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान सहयोग, प्रमाण आधारित5 चिकित्सा कार्य एवं विभिन्न देशों में स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में होम्योपैथी को उचित स्थान दिलाकर सार्वभौमिक स्वास्थ्य को लक्ष्य को प्राप्त करना है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी मानना है कि, बिना वैकल्पिक एवं परम्परागत औषधियों को बढ़ावा दिये सार्वभौमिक स्वास्थ्य के लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों में विश्व में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति का प्रमुख स्थान है।
शहर, प्रदेश व देश के वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक व आयुष मन्त्रालय भारत सरकार में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डाॅ. ए.के. द्विवेदी, देश की सुरीली धड़कन विविध भारती के इन्दौर केन्द्र से एफ.एम. चैनल 101.6 पर कोविड जागरूकता और वैक्सीनेशन पर आधारित कार्यक्रम ‘‘जीत जाएँगे हम’’ में शनिवार दिनांक 10 अप्रेल 2021 को सुबह 11.30 बजे से विश्व होम्योपैथी दिवस के साथ जुड़ेंगे। डॉ. द्विवेदी होम्योपैथिक चिकित्सक एवं चिकित्सा शिक्षक के साथ-साथ अनुसन्धानकर्ता भी हैं।
कार्यक्रम का संचालन करेंगी वरिष्ठ उदघोषिका सुधा शर्मा। इस कार्यक्रम के नियोजक हैं आकाशवाणी इन्दौर कै कार्यक्रम प्रमुख श्री के.के वर्मा। इस कार्यक्रम को मोबाइल एप न्यूज आन एआईआर पर देश और विदेश में कहीं पर भी सुना जा सकता
डाॅ. ए.के. द्विवेदी के अनुसार होम्योपैथी के बिना होलिस्टिक इलाज की बात ही अधूरी है। डाॅ. द्विवेदी कहते हैं कि, टीकाकरण आवश्यक है। सभी को लगवाना चाहिये, कई ऐसे केसेस आ रहे हैं जहाँ टीकारण के बाद भी पाॅजिटिव होने का प्रमाण मिल रहा है। ऐसे में होम्योपैथी चिकित्सा काफी कारगर साबित हो सकती है। डाॅ. द्विवेदी बताते हैं कि पिछले वर्ष अप्रैल-मई माह में जब कोविड संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा था, उस समय म.प्र. सरकार ने लोगों को इम्युनिटी बूस्टर के रूप में होम्योपैथी दवाईयाँ वितरित की थी। होम्योपैथी दवाईयाँ वितरित किये जाने के बाद कोविड काफी तेजी से साथ नियंत्रित हो गया था। वर्तमान में जिस तरह से कोविड6 बढ़ रहा है, म.प्र. शासन से आग्रह करना चाहते हैं कि, तुरन्त होम्योपैथिक दवाईयाँ उपलब्ध कराई जाय जिससे लोगों की इम्युनिटी बेहतर हो सके और कोविड संक्रमण की गति को रोका जा सके। डाॅ. ए.के. द्विवेदी एक ऐसे होम्योपैथी चिकित्सक हैं जो इंटीग्रेटेड मेडिसीन को बढ़ावा देते हैं। किसी एक चिकित्सा पद्धति से जब किसी ऐसी जटिल बीमारी का इलाज नहीं होता है तो डाॅ. द्विवेदी का मानना है कि, सभी चिकित्सा पद्धतियों को एक साथ मिलकर उस जटिल बीमारी का इलाज खोजना चाहिये और करना चाहिये।
होम्योपैथी पूरी तरह से स्वस्थ और रोगमुक्त करने की एक संपूर्ण पद्धति
चिकित्सा विज्ञान की शाखा होम्योपैथी में न सिर्फ रोगमुक्त करने की क्षमता है, बल्कि संपूर्ण रूप से पूरे शरीर को नई काया मिल जाती है। होम्योपैथी गहराई तक असर करती है, क्योंकि यह मस्तिष्क के अहम हिस्से यानी अवचेतन स्थिति पर तेज गति से असर करती है और इसे असरकारक दवाओं से तैयार किया जाता है। हमारा पूरा शरीर सभी तत्वों और अंगों से ही पूरा होता है। इन दोनों का समावेश ही शरीर को प्राण देता है।
आधुनिक विज्ञान में चेतना की रचना अभी भी रहस्य बनी हुई है, वहीं होम्योपैथी ऊर्जा और चेतना को स्वस्थ रखती है। होम्योपैथी में प्राणदायी ऊर्जा को प्राथमिकता दी जाती है और जीवन ऊर्जा की शरीर में अहम भूमिका होती है। रोग के लक्षण इन्हीं ऊर्जा के बेमेल होने के कारण पनपते हैं और इलाज इन ऊर्जा को पुनर्जीवन प्रदान करने के लिए किया जाता है।
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