रायपुर। पूर्व सासंद एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री करुणा शुक्ला का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया। राजधानी के रामकृष्ण केअर अस्पताल में उनका उपचार हो रहा था। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी की भतीजी थीं। उनका अंतिम संस्कार उनके ससुराल बलौदाबाजार में किया जाएगा।
70 वर्षीय करुणा शुक्ला ने सोमवार को अंतिम सांसे ली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करते हुए लिखा
" मेरी करुणा चाची यानी करुणा शुक्ला जी नहीं रहीं। निष्ठुर कोरोना ने उन्हें भी लील लिया। राजनीति से इतर उनसे बहुत आत्मीय पारिवारिक रिश्ते रहे और उनका सतत आशीर्वाद मुझे मिलता रहा। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और हम सबको उनका विछोह सहने की शक्ति।"
1 अगस्त 1950 के दिन ग्वालियर में करूणा शुक्ला का जन्म हुआ था। वे अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी थी। भोपाल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद करुणा शुक्ला ने राजनीति में कदम रखा था। उन्हें मध्यप्रदेश विधानसभा में रहते हुए बेस्ट एमएलए का खिताब भी मिला था। वह 1982 से 2014 तक भाजपा में रहीं। करुणा शुक्ला ने 2014 में कांग्रेस की सदस्यता ली। लेकिन वे चुनाव नहीं जीत पाईं।
भाजपा में रहते हुए करुणा शुक्ला कई महत्वपूर्ण पदों पर रहीं जिनमें भाजपा महिला मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद भी शामिल है। 32 साल भाजपा में रहने के बाद उन्होंने अचानक से कांग्रेस का दामन थाम लिया था। करुणा को कांग्रेस में लाने के लिए अजीत जोगी की भूमिका अहम थी।
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