मुकेश कश्यप
कुरुद। चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन अष्टमी के पावन अवसर पर नगर में विराजित जय माँ काली छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर एवं कन्हारपुरी स्थित जय माँ वैष्णव देवी मंदिर में पूरी सादगी के साथ हवन-पूजन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
काली मंदिर के महाराज विकाश शर्मा और कन्हारपुरी मंदिर के महाराज सौरभ शर्मा ने बताया कि कोरोनाकाल के चलते शासन के गाइडलाइन का पालन करते हुए किसी भी बाहरी व्यक्ति को मंदिर में प्रवेश नही कराया गया और एक जजमान और मंदिर के महाराज द्वारा स्वयं ही इस अनुष्ठान को सादगी के साथ सम्पन्न किया गया।साथ ही कोरोना काल के इस संकट की घड़ी से निजात दिलाने जगतजननी माता रानी के सम्मुख अर्जी लगाई गई।
माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है।नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और सद्यः फलदायिनी है। इनकी उपासना से भक्तों के सभी कल्मष धुल जाते हैं, पूर्वसंचित पाप भी विनष्ट हो जाते हैं। भविष्य में पाप-संताप, दैन्य-दुःख उसके पास कभी नहीं जाते। वह सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है।
अष्टमी पर विभिन्न पूजा अनुष्ठान होते हैं।इस दिन नौ छोटी कन्याओं को आमंत्रित किया जाता है और हलवा और पूरी और स्वादिष्ट भोजन परोसा जाता है।कहा जाता है कि ये लड़कियां स्वयं देवी दुर्गा के अवतार होती हैं।उनके पैरों को पानी से धोया जाता है और माहुर रंग लगाया जाता है।उन्हें कलाई पर लाल पवित्र धागा या मोली बांधी जाती है और नवकन्या पूजन द्वारा शक्ति स्वरूपा को नमन किया जाता है।
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