धमतरी।बस्तर संभाग के झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नक्सली घटना में प्रदेश कांग्रेस के दिवंगत शीर्ष नेताओं को याद किया गया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा जिला अध्यक्ष कांग्रेस कार्यालय रायपुर रोड बठेना चौक धमतरी में शहादत/श्रद्धांजलि दिवस का आयोजन किया गया। दिवगंत हुए शहीद पुलिस कर्मियों के प्रति कांग्रेसजनों ने 2 मिनट का मौन व्रत रख श्रद्धांजलि अर्पित की ।
25 मई 2013 को कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा के दौरान पूरे प्रदेश का भ्रमण करने के बाद उक्त यात्रा बस्तर पहुंची थी और सुकमा कार्यक्रम के पश्चात वापसी के दौरान झीरम घाटी में नक्सली हमला से तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ल, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार, दिनेश पटेल सहित प्रदेश के कांग्रेस नेता और पुलिसकर्मियों सहित 29 लोगों की मौत हो गई थी। जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए संगोष्ठी का आयोजन कर शहीदों के व्यक्तित्व कृतित्व व प्रदेश के सर्वांगीण विकास हेतु दिए गए उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए सम्मान पूर्वक भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस दौरान ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ईश्वर देवांगन, हरविंदर छाबड़ा, देवेंद्र अजमानी, राजेंद्र देवांगन, राजा देवांगन आशीष थिठें, तरुण राय, शुशांतकांत पिल्लेवार ने सम्बोधित करते हुए जीवनी पर प्रकाश डाला। जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मोहन लालवानी ने उदय मुदलियार जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कद्दावर नेता वह परिवर्तन यात्रा के समय बस्तर के प्रभारी रहे।
जिला पंचायत अध्यक्ष कान्ति सोनवानी ने नंद कुमार पटेल की जीवनी पर कहा कि नंद कुमार पटेल ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1979 में सरपंच के रूप में की थी पहली बार 1990 को पटेल विधायक चुने गए। इसके बाद 1990, 1993, 1998, 2003 और 2008 में वे विधायक बने और 1998 में मंत्री बने। नंदकुमार पटेल मध्य प्रदेश विधान सभा की पुस्तकालय समिति के 1994 में अध्यक्ष बने। जनवरी, 1996 को पहली बार वे राज्यमंत्री बनाए गए थे। उन्होंने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के लिए राज्यमंत्री मार्च 1998 से दिसंबर 1998 तक उन्होंने मध्य प्रदेश में गृह राज्यमंत्री के रूप में काम किया। दिसंबर 1998 से अक्टूबर 2000 तक दिग्विजय सिंह के साथ मध्य प्रदेश में गृह और विमानन विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे। 12 नंबवर, 2000 को छत्तीसगढ़ में राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। इसके बाद 2003 तक गृह, जेल, परिवहन कैबिनेट मंत्री रहे। 2009 से 2011 तक छत्तीसगढ़ लोक लेखा समिति के अध्यक्ष रहे। अप्रैल, 2011 में उन्हें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बने।
महापौर विजय देवांगन ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महेन्द्र कर्मा छत्तीसगढ़ के एक कद्दावर नेता थे वह 2004 से 2008 के दौरान प्रदेश के विधानसभा में विपक्ष के नेता थे. वह राज्य की अजित जोगी की सरकार में वाणिज्य और उद्योग मंत्री थे. महेन्द्र कर्मा नक्सलियों के खिलाफ सलवा जुडूम का संचालन कर रहे थे।माओवादियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने के कारण उन्हें बस्तर क्षेत्र सहित पूरे छत्तीसगढ़ में "बस्तर टाइगर" के रूप में जाने जा रहे है।
जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष शरद लोहाना ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्या चरण शुक्ल का जन्म 2 अगस्त, 1929 को रायपुर में हुआ. उनके पिता पंडित रविशंकर शुक्ल वकील, स्वतंत्रता सेनानी, अनुभवी कांग्रेसी नेता और पुनर्गठित मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे. 1957 के आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने विद्या चरण शुक्ल को महासमुंद सीट से चुनाव लड़े जहाँ बड़े बहुमत के साथ जीत दर्ज कर उन्होंने भारतीय संसद में अपनी जगह बनाई. वह उस वक्त के युवा सांसदों में से एक थे।वे लगातार 9 लोकसभा चुनावों में विजय रहे।कई बार देश के केंद्रीय मंत्री रहे। मंच संचालन महामंत्री आलोक जाधव, आभार प्रदर्शन ब्लॉक अध्यक्ष ईश्वर देवांगन ने किया।
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