नगरी।वन परीक्षेत्र उत्तर सिंगपुर के आरक्षित वन कक्ष क्रमांक 56, 55 ग्राम कुसुमखुटा में एक मादा नीलगाय को जहरीला पानी देकर मार गया फिर घटनास्थल से दूर काटकर मांस आपस में बांट लिया गया। घटना की सूचना पर वन विभाग ने दबिश देकर 7 आरोपियों सहित सामग्री कब्जे में लिया।
लोग अपने स्वाद के लिए क्या कुछ नहीं कर डालते हैं एक ऐसी ही बड़ी घटना नगरी क्षेत्र में सामने आई है, जहां पर 7 लोगों ने अनुसूची 4 के अंतर्गत आने वाला जानवर नीलगाय को मार कर उसका सब्जी बनाकर खाने लगे।जब इसकी सूचना वन विभाग को मिली तो दबिश देकर सात आरोपियों को गिरफ्तार कर सब्जी और हड्डियों को जप्त कर लिया है।
मामले में संलग्न आरोपी राजू पिता परस गोड़ उम्र 31 वर्ष, शिव कुमार पिता दीपक कुमार गोंड उम्र 28 वर्ष, गौतम कुमार पिता सुखराम गोंड़ उम्र 35 वर्ष, सुखदेव पिता रूप सिंह गोंड उम्र 31 वर्ष, भारत पिता बल्दु गोड़ उम्र 44 वर्ष, राजेंद्र पिता परसराम गोड़ उम्र 29 वर्ष ग्राम कुसुमखुटा तथा नोहर पिता सुकलाल गोड़ ग्राम पेंड्रा को वन्य प्राणी का शिकार कर मांस खाने और साक्ष्य मिटाने के जुर्म में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 50, 51, 52 के तहत गिरफ्तार कर प्रथम श्रेणी न्यायालय कुरूद में पेश किया गया।आरोपियों ने 22 मई को घटना को अंजाम दिया था।
संपूर्ण कार्यवाही वनमंडलाधिकारी धमतरी सतोविसा समाजदार, उप वनमंडलाधिकारी धमतरी टीआर वर्मा के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ कार्रवाही में प्रभारी परीक्षेत्र अधिकारी उत्तर सिंगपुर पंच राम साहू, स.प.अ. मोहदी मुकुंदराव वाहने, वनरक्षक ओंकार सिन्हा, चुरामन लाल पटेल, पारस राम श्रीमाली शामिल रहे। विभाग द्वारा 25 मई को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कुरूद में सभी आरोपियों को पेश किया गया।
इस मामले में डीएफओ सतोविशा समाजदार ने बताया कि यह मूलतः शिकारी प्रवृत्ति के लोग हैं और अपने खाने के लिए चीतल और नीलगाय का शिकार करते हैं। सूचना मिल रही थी लेकिन रंगे हाथ पकड़ना था। मुखबिर लगाए गए और इन लोगों को रंगे हाथ पकड़ा गया।यह अभियान लगातार जारी रहेगा। हमारा उद्देश्य इन लोगों की आदत बदलना है।सरकार से फंड और कलेक्टर से बात कर इन के लिए कुकुट पालन बकरी पालन शुरू करने की योजना लाई जाएगी ताकि इन्हें रोजगार भी मिल सके और उसी का ही है भोजन भी कर सके।
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