8 लाख का ईनामी नक्सली पकड़ाया, ईलाज के लिए पहुंचा था तेलंगाना




वतन जायसवाल

रायपुर। कोरोना ईलाज के लिए बस्तर से तेलंगाना पहुंचे 8 लाख के इनामी नक्सली को वारंगल पुलिस ने धर दबोचा। बताया गया है यह नक्सलियों का संचार प्रमुख है। जो विगत 22 साल से माओवाद से जुड़ा है। गिरफ़्तार नक्सली ने बताया कि कई बड़े नक्सल नेता, अन्य नक्सली और सिलेगर में आंदोलन कर रहे ग्रामीण कोरोना से संक्रमित है।


  तेलंगाना के वारंगल पुलिस कमिश्नर तरुण जोशी ने बताया गया कि मंगलवार को एक कोरोना संक्रमित बड़े नक्सली नेता के इलाज के लिए छत्तीसगढ़ से वारंगल आने की सूचना मिली थी। जिस पर वाहनों की चेकिंग शुरू की गई। वारंगल के मुलुगू क्रास रोड पर चेकिंग के दौरान एक गाड़ी में संदिग्ध से पूछताछ की गई, जिस पर उसने अपना परिचय गद्दाम मधुकर उर्फ सोबराय के रूप में दिया और कोरोना संक्रमित होना बताया। जिसके बाद हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और उसका कोविड-19 आरटीपीसीआर सैंपल भेजा गया। 


वारंगल के पुलिस कमिश्नर ने बताया कि गिरफ्तार नक्सली पर 8 लाख का इनाम था, और वह बीते 22 साल से नक्सलवाद से जुड़ा हुआ था। नक्सली तेलंगाना के कोमुरम भीम जिले का रहने वाला है।

 


नक्सली मधुकर ने पूछताछ में बताया कि बड़ी संख्या में वरिष्ठ माओवादी कोरोना संक्रमित है। लेकिन सीपीआई (माओवादी) उन्हें बेहतर इलाज के लिए बाहर जाने नहीं दे रहे हैं। उसने बताया कि सुकमा के सिलगेर में कैंप खुलने के विरोध में जुटे छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के सीमावर्ती गांवों के ग्रामीण कोरोना संक्रमित है। लेकिन किसी प्रकार की चिकित्सा उपलब्ध उन्हें नहीं मिल पा रही है।



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