नई दिल्ली
सीबीएसई की 12वीं बोर्ड की परीक्षा पर सस्पेंस खत्म हो गया है। अब यह नहीं होगी। इसे रद्द करने का फैसला लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक अहम बैठक में इस पर फैसला लिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार काे 12वीं बोर्ड परीक्षा पर एक अहम बैठक ली।इस दौरान पीएम को उन सभी संभावित विकल्पों के बारे में बताया गया जो विभिन्न राज्यों और अन्य पक्षकारों के साथ हुए व्यापक विचार-विमर्श के बाद सामने आए थे।
बैठक से पहले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने परीक्षा न कराने का पक्ष लिया था। इसमें सीएम ने कहा था, '12वीं की परीक्षा को लेकर बच्चे और पेरंट्स काफी चिंतित हैं। वे चाहते हैं कि बिना वैक्सिनेशन 12वीं की परीक्षा नहीं होनी चाहिए मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि 12वीं की परीक्षा रद्द की जाए। पिछले परफॉर्मेंस के आधार पर उनका आंकलन किया जाए।'एग्जाम कैंसिल होने के फैसले पर केजरीवाल ने खुशी प्रकट की। उन्होंने कहा कि हम सभी बच्चों की सेहत को लेकर चिंतित थे। यह एक राहत है।केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कोरोना वायरस महामारी फैलने के कारण 14 अप्रैल को 10वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने और 12वीं बोर्ड परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की थी।
शिक्षा मंत्रालय ने हाल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में राज्यों और विभिन्न पक्षकारों के साथ व्यापक विचार विमर्श किया था। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, प्रकाश जावडेकर, स्मृति ईरानी आदि ने हिस्सा लिया था ।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों और अन्य पक्षकारों से परीक्षा को लेकर सुझाव मांगा था। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि वह इस बारे में अंतिम फैसला तीन जून तक लेगी। सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में याचिका पर सुनवाई कर रही है।
बैठक में नहीं थे निशंक
मंगलवार हुई इस बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक मौजूद नहीं रहे।तबीयत बिगड़ने के कारण मंगलवार को उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री जांच में 21 अप्रैल को कोविड-19 संक्रमित पाए गए थे। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है।
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