'एक और सूरज' हर वर्ग के पाठकों का दिल जीत लेगा :पूरन
गायत्री मंदिर के सभागृह में 'एक और सूरज' मुक्तक पर हुई चर्चा संगोष्ठी
मगरलोड। प्रयाग साहित्य समिति राजिम के तत्वाधान में मुंशी प्रेमचंद जयंती के अवसर पर करेली बड़ी स्कूल में पदस्थ शिक्षक जितेंद्र सुकुमार साहिर कृत एक और सूरज पर चर्चा संगोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ। जिसमें अंचल के कवि, साहित्यकार,पत्रकार बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं मुंशी प्रेमचंद के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद चंदूलाल साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि एक और सूरज मुक्तक संग्रह निकट भविष्य में इतिहास रचेगा। इस पुस्तक में गागर में सागर भरने वाली कहावत को चरितार्थ किया गया है। यह पुस्तक नहीं बल्कि जीवन की सच्चाई है देश प्रेम का जज्बा पाठकों को पढ़ने मिल रही है। कवि साहित्यकार देशभक्ति जगाने वाले शब्द लिखें। हम विश्व नेतृत्व की ओर आगे बढ़ रहे हैं यह परिवर्तन की बेला है मनुष्य के क्षमता को जगाने के लिए पुस्तक अच्छा माध्यम है। अटल ने कहा था कि यह भारत भूमि का टुकड़ा नहीं बल्कि जीता जागता राष्ट्रपुरुष है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू ने कहा कि राजिम साहित्य की उर्वरा भूमि है यहां पंडित सुंदरलाल शर्मा से लेकर अभी तक लगभग 240 वर्षों में अनेक कवि एवं साहित्यकार जन्म लिए हैं जिन्होंने माटी की सुगंध को सात समंदर पार पहुंचाया है। विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू ने कहा कि कहानीकार मुंशी प्रेमचंद जी ने पंच परमेश्वर, बूढ़ी काकी, पूस की रात लिखकर समाज को जीवन की सच्चाई से रूबरू कराया है ठीक उसी भांति एक और सूरज जीवन की अनछुए पहलुओं को छूता है। इस व्हाट्सएप और फेसबुक के जमाने में चार पंक्ति लिखना बहुत मुश्किल होता है ऐसे समय में पूरे पुस्तक को आकार देना जिम्मेदारी का काम है। जिला बनने के बाद लगातार लिखने वालों की संख्या में पड़ी हुई है यह अच्छा संदेश है।
अपने स्वागत भाषण में शायर जितेंद्र सुकुमार साहिर ने कहा कि रचनाकार जब लिखने के लिए कलम उठाता है तो पहले वह दिल के ज़ज्बात पन्ने पर उकेरता है और धीरे धीरे समाज में व्याप्त बुराइयों को उठाता है और इस तरह से देश को दिशा देने का काम करता है एक और सूरज जीवन की सच्चाई को उजागर करती है। युवा पीढ़ी रास्ते से भटक रहे हैं उन्हें आईना दिखाने का काम कर रही हैं मुहब्बत से लेकर मादरे वतन तक शेर शामिल है। वक्ता के रूप में पलारी से पहुंचे छ.ग.उर्दू तंजीम के मेंबर शायर पूरन जयसवाल ने कहा कि मुक्तक 4 पंक्तियों में पूरी होती है और इन्हीं में अपने विचार को पूरा करना पड़ता है यह खुद में एक मुकम्मल कविता होती है। एक और सूरज में सभी रंग मौजूद है जो सारे वर्ग के पाठकों का दिल जीत लेगा ।
जनसंपर्क विभाग गरियाबंद के सहायक अधिकारी एवं साहित्यकार पोषण साहू ने कहा कि शब्दों का समुच्चय पुस्तक का रूप लेती है राजिम शुरू से ही साहित्यिक नगरी रहा है। साहित्य के पुरोधा ने जिले का नाम लेखनी के जरिए दूर अंचल में पहुंचाया है। छंदकार एवं जिला रत्नांचल साहित्य परिषद के अध्यक्ष वीरेंद्र साहू ने कहा कि लगातार जिले में कवि साहित्यकार के अलावा शायर भी जन्मे हैं। जिनकी लेखनी से जिला गौरवान्वित हो रहा है। शायर जितेन्द्र सुकुमार साहिर की यह चौथी किताब है,72 पेज की यह किताब बेहद दिलचस्प है जो भी पढ़ेगा वह दीवाना हो जायेगा। इस किताब में साहिर की जादूगरी साफ़ दिखाई देती है। इस मौके पर उपस्थित अंचल के पत्रकारों को सम्मानित किया गया तथा साहित्यकारों कवियों को श्रीफल एवं पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन युवा कवि एवं साहित्यकार संतोष कुमार सोनकर मंडल ने किया।
इस अवसर पर प्रयाग साहित्य समिति के अध्यक्ष टीकम चंद सेन, पार्षद महेश यादव, तुकाराम कंसारी, गोकुल सेन, नूतन साहू, अशोक शर्मा, राजेंद्र मनु, पुरुषोत्तम चक्रधारी,रमेश टंडन, पवन निषाद मगरलोड, थानूराम निषाद,तुलाराम साहू, सरोज कंसारी, कल्याणी कंसारी, कमलेश कौशिक,भारत साहू, रोहित साहू,रविंद्र साहू, पुरुषोत्तम दीवान,आशीष पांडे आदि मौजूद थे।
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