शिक्षा विकसित एवं समृद्ध राष्ट्र की नींव है: प्रीतेश गांधी

 


धमतरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के वर्षगांठ पर देश को संबोधित करते हुए विद्यार्थियों के हित में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु महत्वपूर्ण निर्णय लिए है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सुधारों के एक साल पूरे होने के अवसर पर कहा कि "शिक्षा नीति को हर तरह के दबाव से मुक्त रखा गया है। जो खुलापन नीति के स्तर पर है, वही खुलापन छात्रों को मिल रहे विकल्पों में भी है। 


अब छात्र कितना पढ़ें, कितने समय तक पढ़ें, ये सिर्फ संस्थाएं तय नहीं करेंगी।" इसके अंतर्गत वर्तमान शैक्षणिक वर्ष यानि 2021-2022 सत्र  से स्नातक और स्नाकोत्तर (एम.बी.बी एस/एमडी/एमएस/डिप्लोमा/बीडीएस/एमडीएस)  कोर्स के लिए ऑल इंडिया कोटा स्कीम में OBC के लिए 27% आरक्षण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण प्रदान करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है, साथ ही इंजीनिरिंग के कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए एक टूल डेवलप, साइन लैंग्वेज को विषय का दर्जा देने,   विद्या प्रवेश, सफल, निष्ठा 2.0 का शुभारंभ करने का फैसला लिया। 


प्रीतेश गांधी छत्तीसगढ़ प्रदेश विशेष आमंत्रित सदस्य भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए इस निर्णय में शिक्षा नीति की पहुँच, समता, गुणवत्ता और उत्तरदायित्व जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया है। स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक किए गए विभिन्न बदलाव विद्यार्थियों के उज्ज्वल वर्तमान और भविष्य के लिए सर्वोत्तम है।  3 लाख से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें सांकेतिक भाषाओं की जरूरत होती है, इसे समझते हुए भारतीय साइन लैंग्वेज को विषय का दर्जा प्राप्त होने से छात्र इसे भाषा के तौर पर भी पढ़ पाएंगे एवं हमारे दिव्यांग साथियों को भी मदद मिलेगी। जिस आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस के प्रोग्राम को अभी लॉन्च किया गया है, वह भी हमारे युवाओं को फ्यूचर ओरिएंटेड बनाएगा, AI ड्राइवन इकोनॉमी के रास्ते खोलेगा। आगे प्रीतेश गांधी ने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ युवाओं को यह विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ है।

 प्रीतेश गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री सदैव दूरदर्शी एवं उत्तम नीतियों से देश के विकास को मजबूती देने में सदैव प्रयासरत रहते है। शिक्षा राष्ट्र के विकास का नींव है एवं युवा व बच्चें देश के भविष्य, उनके शिक्षण को दबाव मुक्त बनाने के साथ गुणवत्ता में भी वृद्धि कर सशक्त युवा व समृद्ध राष्ट्र का निर्माण होगा। 



0/Post a Comment/Comments

और नया पुराने