बठेना स्थित इंग्लिश मीडियम स्कूल में 12 वीं कक्षा में मिला योजना के तहत दाखिला
धमतरी 23 अगस्त 2021।ज़िंदगी में हालात कब बदल जाएं, यह कहना हमेशा मुश्किल होता है। एक पल में जहां सब कुछ बिखर जाता है, वहीं दूसरे पल में कोई हाथ पकड़ के सहारा देने पहुंच जाता है। ऐसा ही कुछ वाक्या कुरूद के सिर्री में रहने वाले सोलोमन परिवार के साथ हुआ, जब अप्रैल माह में कोरोना ने अपने चपेट में श्री गिरीश सोलोमन को ले लिया। महज सात दिन में इस हंसते खेलते परिवार से पिता का साया उठ गया और पीछे रह गए उनकी धर्मपत्नी और दो स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे।
एनीस लता सोलोमन बताती हैं कि पेशे से वाहन चालक उनके 51 वर्षीय पति की एक दिन काम से वापस लौटने के बाद अचानक तबियत खराब हुई और जांच में कोरोना की पुष्टि हुई। उन्हें अस्पताल में भर्ती भी किए, लेकिन 30 अप्रैल को उनकी मृत्यु कोरोना से हो गई। घर में कमाने वाले वे एक इंसान थे। बच्चे स्कूल में पढ़ रहे थे। बिना सहारे के भविष्य अंधकार में मालूम पड़ने लगा। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा शुरू की गई महतारी दुलार योजना की जानकारी परिवार को मिली। श्रीमती एनीस ने अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए दोनों बच्चे मोहनीश और हिमांशु का स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय योजना के तहत संचालित मेहत्तरू राम धीवर शासकीय उच्चतर माध्यमिक उत्कृष्ट विद्यालय बठेना में दाखिले के लिए आवेदन दे दिया। नतीजन आज दोनों बच्चों का स्कूल में योजना के तहत एडमिशन हो गया।
मोहनीश सोलोमन जो कि कक्षा 12 वी में जीव विज्ञान (बायोलॉजी) विषय लेकर पढ़ रहे हैं, वे कहते हैं कि पापा की असमय मृत्यु ने हम सबको अंदर से हिला के रख दिया था, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी दुलार योजना ने हमारे परिवार को उम्मीद की एक ऐसी रौशनी दिखाई है, जिससे अब हम दोनों भाई बिना पैसों की चिंता किए अपनी स्कूली पढ़ाई जारी रख पाएंगे। वे यह भी बताते हैं कि पापा की कमी तो कोई पूरी नहीं कर सकता, लेकिन प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने योजना के अंतर्गत हमारे पढ़ाई को निःशुल्क कराकर हमारी तकलीफ को कम ज़रूर किया है। क्योंकि कुरूद के सिर्री स्थित जिस निजी स्कूल में वे इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई कर रहे थे, वहां अब शिक्षा जारी रखने में उनका परिवार आर्थिक रूप से सक्षम नहीं था। अच्छी बात यह भी है कि बठेना इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाई का स्तर, शिक्षक, शैक्षणिक सुविधाएं काफी अच्छी हैं। इससे उन्हें अपनी पढ़ाई इंग्लिश मीडियम में जारी रखने में बड़ी सहूलियत हुई है। उनके 15 वर्षीय छोटे भाई हिमांशु को भी इसी स्कूल में कक्षा ग्यारहवीं में दाखिला मिल गया है। हालांकि वे हिंदी माध्यम में पढ़ाई करेंगे। क्योंकि वे सिर्री में भी कक्षा दसवीं हिंदी माध्यम में ही पढ़े और अब बठेना में कक्षा ग्यारहवीं में जीव विज्ञान विषय लेकर पढ़ रहे हैं। मोहनीश का यह भी कहना है कि हालात कभी एक से नहीं रहते। आज योजना के तहत जो मौका मिला है, उसे बिना गवाएं और पूरा फायदा लेते हुए अच्छे से पढ़ाई कर भविष्य संवारने की तमन्ना और बढ़ गई है।
मेहत्तरू राम धीवर स्कूल बठेना के प्राचार्य एन.पाण्डेय बताते हैं कि इस स्कूल में योजना के तहत छः बच्चों का दाखिला हुआ है। इसमें कक्षा पहली में तीन, तीसरी में एक और मोहनीश और हिमांशु को मिलाकर छः बच्चे निःशुल्क शिक्षा का लाभ ले रहे हैं। इन्हें हर माह छात्रवृत्ति का भी प्रावधान है। जिसके तहत पहली से आठवीं तक के लिए पांच सौ रूपए और नवमीं से बारहवीं तक के लिए एक हजार रूपए छात्रवृत्ति दी जाएगी।
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